- रक्तदान सबसे बड़ा दान है, इससे बड़ा कोई दान नही है-सरयू राय,
- मानव जीवन बचाने के उद्देश्य से पर्यावरण संरक्षण एवं रक्तदान प्रशंसनीय है- मीरा मुंडा
- रक्तदान सही मायनों में महादान है- राकेश्वर पांडे
जमशेदपुर : अर्पण की और से आयोजित तीन दिवसीय रक्तदान शिविर के दूसरे दिन भगवान बिरसा मुंडा की तस्वीर पर माल्यार्पण करके रक्तदान शिविर प्रारम्भ किया गया इस मौके पर रक्तदाताओं में काफी उत्साह देखने को मिला। बारिश होने के बावजूद दो दिनों में 910 रक्तदाताओं ने रक्त देकर जीवन बचाने का संकल्प लिया। साथ ही पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से 1100पौधें वितरित किए।जमशेदपुर ब्लड बैंक में लगाए रक्तदान शिविर के मुख्य अतिथि जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा के विधायक सरयू राय, उद्घाटनकर्ता वरिष्ठ भाजपा नेत्री मीरा मुंडा, विशिष्ट अतिथि के रूप में मजदूर नेता राकेश्वर पांडे उपस्थित हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के मुख्य संरक्षक अमरप्रीत सिंह काले ने की। कार्यक्रम का उद्घाटन मीरा मुंडा जी ने सम्मिलित रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सह जमशेदपुर पूर्वी से विधायक सरयू राय ने युवा रक्तदाताओं को उत्साहित करते हुए कहा कि आज सैकड़ों की संख्या में युवा रक्तदातों की सहभागिता ये सुनिश्चित करने के लिए काफी हैं कि ये युवा समाज की चुनौतियों से लड़ने के लिए स्वयं को तैयार रखे हैं। ये सुखद अनुभव है जब सैकड़ों की संख्या में वैसे युवा शामिल हैं जो आज पहली बार रक्तदान कर रहे हैं।ये उदाहरण हैं भावी पीढ़ी के लिए जो नशा से स्वंय को अलग रखकर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अपने संबोधन में श्रीमती मीरा मुंडा ने कहा कि हर माता जीवन की सृजन की मूल हैं और कोई भी रक्त के अभाव में दम न तोड़े ऐसी प्रतिवद्धता के साथ युवाओं का आत्मबोध उसी कड़ी का एक अंग है।महिलाओं की सहभागिता पर श्रीमती मुंडा ने कहा कि आज आधी आबादी भी यहां अपनी जिम्मेदारी का सहजता से निर्वाह कर रही हैं। जिसे देखना सच मे सुखद अनुभव है।और ये सारी बातें अर्पण की सेवा भाव में छिपी समर्पण की भावना का अप्रतिम उदाहरण हैं जो हमें अभिभूत करती हैं।
वहीं मजदूर नेता राकेश्वर पांडेय ने स्वयम को इस कार्यक्रम से जोड़ते हुए कहा कि मुझे गर्व हैं कि भाई अमरप्रीत सिंह काले के नेतृत्व में अर्पण परिवार के साथियों के पहल का हमें गवाह बनने का सौभाग्य मिलता हैं।रक्त का कोई विकल्प यदि नहीं हैं तो अर्पण की टीम का भी कोई सानी नहीं हैं जो इस कोरोना काल में भी जब सोशल डिस्टेंसिग जैसी चुनौती हैं 11सौ यूनिट ब्लड एकत्रित करने के लक्ष्य को प्राप्त कर रही हैं।
संस्था के संरक्षक अमरप्रीत सिंह काले ने आभार प्रकट करते हुए कहा कि हम एक साथ कई लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कार्य कर स्वंय को गर्वान्वित महसूस कर रहे हैं।एक तरफ धरती आबा वीर शाहिद बिरसा मुंडा के प्रति अपनी कृतज्ञता उनकी शहादत को याद कर प्रकट करते हैं वही उनके जीवन विधा से युवाओं के सोच को जोड़कर राष्ट्र भक्ति के जज्बा को परवाज दे पाते हैं दूसरी ओर युवाओं में रक्तदान और नशा मुक्ति अभियान के माध्यम से राष्ट्र सेवा के व्रत पालन के पवित्र लक्ष्य को भी आयाम दे पाते हैं ।यही नहीं हम भविष्य की चिंता को भी आत्मसात करते हुए आज लगभग 1200 पेड़ रक्तदाताओं और अतिथियों को भेंट कर रहे हैं जिससे पर्यावरण की सुरक्षा के लिए एक पवित्र पहल का आरम्भ हो सके।
इस अवसर पर संस्था के मुख्य संरक्षक अमरप्रीत सिंह काले ने बताया कि शिविर में अब तक 810 रक्तदाताओं द्वारा रक्तदान किया गया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 से 2020 तक संस्था द्वारा पांचवां रक्तदान शिविर का आयोजन करवाकर 4680 यूनिट रक्त एकत्रित किया है अर्पण संस्था रक्तदान को लेकर हमेशा से संजीदा रहा है और रक्तदान के प्रति समाज में युवाओं के मध्य अलख जगाने का प्रयास करता रहा है।
कार्यक्रम में अतिथि के रूप में शैलेन्द्र सिंह, सतीश सिंह, सुधीर श्रीवास्तव, मंटू चावला, सुखविंदर सिंह, वरुण कुमार, बृज भूषण सिंह, वरुण, राघवेंद्र कुमार, रवि सिंह चंदेल, धनुर्धर त्रिपाठी, कामत, पशुपति नाथ पांडेय, ब्यूटी तिवारी, शिव शंकर सिंह, डॉ पवन पांडेय, शिव प्रकाश शर्मा, संजय सिंह, राजेश सिंह उपस्थित हुए।
शिविर को सफल बनाने में संस्था के अखिलेश पांडेय,महेश मिश्रा,पप्पू राव ,प्रिंस सिंह,राजेश सिंह,बिभाष मजुमदार,अभिषेक पांडे,विक्रम ठाकुर, विक्रम सिंह, घनश्याम भिरभरिया,सुमन कुमार,शैलेश गुप्ता,मनीष सिंह, धीरज चौधरी, मोहन दास, विक्की तारवे, नंदकिशोर मुंडा, सूरज चौबे, राजू कुमार, सरबजीत सिंह, शुरू पात्रो, अनूज मिश्रा, लकी जयसवाल, विवेक कुमार, रामा राव, शशि मुखी, शेखर मुखी, राहुल पाल, कौशिक प्रसाद, सागर चौबे, अशोक दास, दीपक महतो, प्रणय दास, मोईन खान, आलोक मुन्ना, शिवम शर्मा, संतोष तिवारी, शुभम लाला, मनीष प्रसाद, सनोज चंद्र, सुदेश मुखी, मनोज मुखी, दीपक सिंह, सूरज साह, सूरज पाल, सूरज बाग मुख्य रूप से योगदान रहा।