राजन सिंह
चाकुलिया : कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर सरकार ने लाक डाउन की घोषणा की है. लाक डाउन में प्रखंड में किसी भी गरीब और असहाय परिवार भूखा न रहे, इसे देखते हुए सरकार ने हर प्रखंड के पंचायत स्तर तक दीदी किचन केन्द्र खोलकर लोगों के बीच भोजन बांटने का आदेश दिया है. सरकार की घोषणा को चाकुलिया प्रखंड में दरकिनार किया जा रहा है. इसका जीता-जागता उदाहरण शनिवार को देखने को मिला. शनिवार को बहरागोड़ा के विधायक समीर महंती ने प्रखंड के चार पंचायत जुगितुपा, बेंद, सिमदी और कुचियाशोली पंचायत का दौरा कर दीदी किचन केन्द्र का निरीक्षण किया. निरीक्षण के क्रम में बेंद के जगन्नाथपुर और सिमदी पंचायत के कुमारीशोल में ही दीदी किचन केन्द्र संचालित पाया गया. दोनों ही केन्द्र पर भोजन पका कर लोगों के बीच वितरण किया जा रहा था. वहीं कुचियाशोली पंचायत के खाड़बांधा गांव और जुगितुपा पंचायत के मिश्रीकाटा गांव में किचन दीदी केन्द्र संचालित होने की विधायक को सूचना दी गयी थी, परंतु विधायक ने गांव जाकर देखा तो वस्तुस्थिति कुछ और ही थी. उक्त दोनों गांव में दीदी किचेन बंद था. बताया जाता है कि इनमें से एक केंद्र लकड़ी की कमी के कारण बंद था, तो दूसरे में कोई मौजूद ही नहीं था.
वरीय पदाधिकारी से बात कर कार्रवाई करने और निगरानी करने की मांग करेंगे : विधायक
विधायक समीर महंती ने दो केन्द्र को बंद पाकर कहा कि निगरानी की कमी के कारण मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना वायरस के मद्देनजर संचालित दीदी किचन केन्द्र खोला गया, यह सीएम की अच्छी पहल है. जेएसएलपीएस की महिला समूह द्वारा संचालित किया जा रहा है, परंतु निगरानी की कमी के कारण हर स्थान पर संचालित नहीं हो पा रहा है. इस कारण गरीब ग्रामीण इसका लाभ पाने से वंचित हो रहे हैं. विधायक ने कहा कि वे इस मामले को लेकर डीसी से बात कर जांच कर दोषी पर कार्रवाई करने की मांग करेंगे और विस क्षेत्र में सही ढंग से दीदी किचन केन्द्र संचालित हो इसके लिए निगरानी करने की जरूरत है, ताकि हर केन्द्र समय पर संचालित हो और लोगों को इसका लाभ मिल सके.
दीदी किचेन के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है : जिप सदस्य
चाकुलिया उत्तर के जिला परिषद सदस्य जगन्नाथ महतो ने कहा कि प्रखंड प्रशासन द्वारा जानकारी दी गई थी कि उनके गांव जुगितुपा पंचायत के मिश्रीकाटा और कुचियाशोली पंचायत के खाड़बांधा गांव में किचेन दीदी केन्द्र संचालित है, परंतु ऐसा कुछ भी नहीं है. उन्होंने गांव का दौरा कर देखा कि केन्द्र संचालित है या नहीं. परंतु दोनों ही केन्द्र बंद पाये गये. केन्द्र खोलने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही की गयी है. इस समय लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है. वह इस संबंध में बीडीओ और सीओ से मिलकर शिकायत करेंगे.