जमशेदपुर : कोरोना महामारी के इस दौर में हर आम-ओ-खास बेहाल है. जिंदगी बस सरकार और सरकारी तंत्र के भरोसे चल रही है. सरकार और सरकारी तंत्र जो दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं लोग उसके ही सहारे अपनी जीवन नैया पार लगाने की जुगत में हैं. देश में कोरोना का दूसरा वेव शुरू हो चुका है. जहां अभी सबसे ज्यादा सावधानियां बरतने की जरूरत है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार आम लोगों के जन-जीवन को पटरी पर लाने को लेकर धीरे-धीरे सभी गतिविधियों को सामान्य करने में जुट गई है. हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व दुर्गा पूजा शुरू होने वाला है. सरकार की गाइडलाइन के तहत ही इस साल पूजा आयोजित होनी है. हर साल की तरह इस बार पूजा में तामझाम नहीं होना है, लेकिन दुर्गापूजा के भरोसे साल भर आस लगाए बैठे मूर्तिकारों की दशा काफी बेहाल है.
हर साल जहां मूर्तिकार एक से बढ़कर एक मूर्तियां बनाकर साल भर की जीविका का संसाधन जुटाते थे. इस साल पाबंदियों के बीच साढे 4 से 5 फीट की मूर्तियां हैं बनानी है. एक तरफ मान्यता ये है कि 6 फीट से कम की मूर्ति का पूजा नहीं होना है, दूसरी तरफ सरकारी गाइडलाइन के बीच मूर्तिकार असमंजस की स्थिति में है. वैसे मूर्तिकार छोटी मूर्तियां बना कर महंगाई के इस दौर में किसी तरह काम चला रहे हैं, लेकिन वह नाकाफी है. मूर्तिकारों का कहना है, कि कोरोना को देखते हुए जो सरकारी दिशा- निर्देश उन्हें दिया गया है, उसका वो पालन कर रहे हैं, लेकिन सरकार को भी मूर्तिकारों के लिए कुछ सोचना चाहिए. कुल मिलाकर हम कह सकते हैं, कि वैश्विक महामारी के इस दौर ने हर किसी को प्रभावित किया है. ऐसे में जरूरी है कि सरकार इन मूर्तिकारों के लिए भी कोई अनुदान की व्यवस्था करे, ताकि इनका गुजारा साल भर चल सके.