Home खबर

चापाकल घोटाले में पूर्वी सिंहभूम के पूर्व जिला शिक्षा अधीक्षक व जामताड़ा के मौजूदा जिला शिक्षा पदाधिकारी बांके बिहारी सिंह निलंबित

  • शिक्षक नेता रामनारायण सिंह ने दो वर्ष पूर्व उठाया था चापाकल घोटाले का मामला, रुकी हुई थी जांच
  • शिक्षा सत्याग्रह के नेता अंकित आनंद की ट्वीट के बाद मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने दिये थे कठोर कार्रवाई के आदेश

जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम के जिला शिक्षा अधीक्षक रहें बांके बिहारी सिंह सरकारी स्कूलों में चापाकल अधिष्ठापन के नाम पर गबन और घोटाले के मामले में निलंबित कर दिये गये हैं। शुक्रवार को सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के विशेष सचिव भीष्म कुमार ने निलंबन के आदेश जारी कर दिया हैं। बांके बिहारी सिंह वर्तमान में जामताड़ा में जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) हैं और जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई) के अतिरिक्त प्रभार में हैं। बांके बिहारी सिंह पर आरोप था कि वर्ष 2014 में जब वे धनबाद में जिला शिक्षा अधीक्षक पद पर थे तब उन्होंने सरकारी प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में चापाकल लगवाने की योजना में राशि का दुरुपयोग, गबन तथा सरकारी निर्देशों का उल्लंघन किया था। जब बांके बिहारी सिंह वर्ष 2018 में जमशेदपुर में बतौर जिला शिक्षा अधीक्षक पदस्थापित थे तब झारखंड अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ के महासचिव रामनारायण सिंह ने चापाकल घोटाले की शिकायत विभागीय सचिव के अलावा मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय तक की थी। अपने खिलाफ शिकायतों से बौखलाए बांके बिहारी सिंह ने अपने वरीय अधिकारियों को भरोसे में लेते हुए शिक्षक नेता रामनारायण सिंह को काफी प्रताड़ित करना शुरू कर दिया और शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाये गये। अनुशासनहीनता के आरोप में शिक्षक नेता को छह महीने से अधिक समय तक निलंबित रखा गया था और उनके तीन वेतन इंक्रीमेंट भी काट दिये गये थे। बाद में शिक्षक नेता रामनारायण सिंह के समर्थन में भाजपा जिला प्रवक्ता और शिक्षा सत्याग्रह के अंकित आनंद ने भी बांके बिहारी सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। विरोध तेज होने के बाद विभाग ने बांके बिहारी सिंह को निलंबित करने की बजाए जमशेदपुर से जामताड़ा स्थानांतरित कर दिया था। इसके बाद भी शिक्षा सत्याग्रह ने बांके बिहारी सिंह के भ्रष्टाचार और घोटालों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करते हुए लगातार सरकार से मांग जारी रखी।

निलंबन अवधि में बांके बिहारी सिंह को माध्यमिक शिक्षा निदेशक के मुख्यालय में योगदान देना होगा। निलंबन अवधि में उन्हें केवल जीवन निर्वाह भत्ता अनुमान्य होगा। जारी आदेश में स्पष्ट उल्लेख है कि निलंबन अवधि में दर्ज उपस्थित के आधार पर तथा अभियोजन प्रमाण पत्र समर्पित करने के बाद ही नियमानुसार जीवन निर्वाहन भत्ता दिया जायेगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी, जामताड़ा का अतिरिक्त प्रभार संथाल परगना प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक को सौंपा गया है वहीं दुमका के जिला शिक्षा अधीक्षक को जामताड़ा जिले में डीएसई का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। बांके बिहारी सिंह पर निलंबन की प्रारंभिक कार्रवाई होने पर भाजपा जिला प्रवक्ता सह शिक्षा सत्याग्रह के नेता अंकित आनंद ने सत्यमेव जयते कहते हुए खुशी जाहिर की और राज्य के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के प्रति आभार जताया है। वहीं मांग की है कि चापाकल घोटाले की तर्ज पर ही जमशेदपुर में हुए बेंच-डेस्क घोटाले की भी निष्पक्ष जांच हो तथा आरोपियों से गबन की राशियां वसूली जाये। इसके अलावा इस मामले का उद्भेदन करने वाले शिक्षक नेता को सरकार द्वारा सम्मानित कर उनके काटे गये इंक्रीमेंट के फैसलों पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।

NO COMMENTS

Leave a ReplyCancel reply

Floating Button Get News On WhatsApp
Don`t copy text!

Discover more from Sharp Bharat

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Exit mobile version