जमशेदपुर : बलात्कार व अप्राकृतिक यौनाचार के मामले में फंसे जमशेदपुर के सीजीपीसी के पूर्व प्रधान गुरमुख सिंह मुखे की अग्रिम जमानत याचिका पर शुक्रवार को जमशेदपुर कोर्ट के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज अनिल कुमार मिश्रा की अदालत में सुनवाई हुई. लेकिन अदालत द्वारा केस डायरी की मांग की गई थी. शुक्रवार को अदालत के समक्ष केस डायरी नहीं पंहुची जिससे अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई अदालत द्वारा टाल दी गई लेकिन मुखे की ओर से अधिवक्ता ने अदालत से अपील किया कि मुखे को कुछ दिनों के लिए राहत दी जाये ताकि वह सीजीपीसी का चुनाव प्रक्रिया को सुचारू रूप से सम्पन्न कर सके. अधिवक्ता की अपील पर न्यायाधीश ने गुरमुख सिंह मुखे को अंतरिम राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. (नीचे भी पढ़ें)
वहीं श्री मुखे की अधिवक्ता केएम सिंह ने मुखे की जमानत याचिका पर अपना पक्ष अदालत के समक्ष रखी हैं. फिलहाल अदालत ने फैसले को सुरक्षित रखते हुए अगली तिथि 28 नवंबर की मुकर्रर की है. तब तक अदालत ने ”नो कोरिसीव” (पीड़क कार्रवाई पर रोक) मुखे की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. सीजीपीसी के चुनाव के लिए नामांकन करने को लेकर श्री मुखे ने अधिवक्ता की ओर से कोर्ट में अर्जी दी थी, जिस पर कोर्ट ने मुखे को राहत दी है. कोर्ट से राहत मिलने के बाद मुखे शनिवार को सीजीपीसी प्रधान पद के लिए नामांकन करने आएंगे या नहीं, एवं उन्हें कौन पांच गुरुद्वारा समर्थन देंगे इसे लेकर चर्चा होने लगी है.