जमशेदपुर: मेरा पुत्तर मैनूं लौटा दवो, ना लै जावो…ऐसे मार्मिक बोल कहते हुए मनप्रीतपाल की मृत देह के साथ मां सोनी कौर लिपट गई.हर कोई मां को सांत्वना देने और संभालने में लगा हुआ था,लेकिन मां बेटे के शव को छोड़ने को तैयार नहीं थी.यह मार्मिक नजारा देख शव यात्रा में मौजूद हर किसी की आंखे नम हो गई.पिता हरजिंदर सिंह भी खुद को संभाल नहीं पा रहे थे.वृद्ध दादा कुलवंत सिंह खलैरा भी जवान पोते की शव यात्रा देखकर हिम्मत खो बैठे.बस इसे वाहेगुरु का भाणां कहते हुए आपा संभाले रखा.शाम पांच बजे मनप्रीतपाल सिंह ढिल्लों का शव पोस्टमार्टम के बाद घर लाया गया.यहां विधि विधान संपन्न कराने के तुरंत बाद शव को लोगों के दर्शन कराए गए.(नीचे भी पढ़े)
घर वालों ने उसके सिर में शादी का सेहरा पहनाया.विभिन्न गुरुद्वारा कमेटियों ने शव पर चादर ओढ़ाई.तभी मां सोनी कौर जोर जोर से चित्कार मारकर रोने लगी. मनप्रीत की मौसियों का भी रो रो कर बुरा हाल था.छोटा भाई हरप्रीतपाल भी अपने बड़े भाई के शव के साथ लिपट गया और कहने लगा लौट आ वीरे अब हम किसके सहारे रहेंगे.परिवार की भावनाओं को देखकर यहां से शव टिनप्लेट गुरुद्वारा ले जाया गया,वहां से अरदास उपरांत भुइयांडीह स्वर्णरेखा घाट में देर शाम शव का दाह संस्कार किया गया. परिवार की ओर से मृत आत्मा की शांति के लिए 15 जून को आवास में श्री अखंड पाठ साहिब रखा जाएगा,जिसका भोग 17 जून को पड़ेगा.(नीचे भी पढ़े)
परिवार ने अंतिम अरदास में शामिल होने की अपील की है.मनप्रीत की शव यात्रा में तख्त पटना गुरुद्वारा कमेटी के महासचिव इंदरजीत सिंह, झारखंड प्रदेश गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार शैलेंद्र सिंह,सीजीपीसी प्रधान गुरमुख सिंह मुखे,झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के अध्यक्ष गुरचरण सिंह बिल्ला,झारखंड सिख विकास मंच के अध्यक्ष गुरदीप सिंह पप्पू,मानगो के प्रधान भगवान सिंह,टिनप्लेट के प्रधान तरसेम सिंह सेमे,अमरजीत सिंह अंबे,सुखविंदर सिंह,सीतारामडेरा से सुरजीत सिंह,भाजपा नेता सतवीर सिंह सोमू, इंदरजीत सिंह इंदर,जसवंत सिंह भोमा,कुलविंदर सिंह पन्नू,जसबीर सिंह पदरी,दमनप्रीत सिंह समेत काफी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए.