चाकुलिया : चाकुलिया प्रखंड की बड्डीकानपुर- कालापाथर पंचायत स्थित पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे मधुपुर उत्क्रमित मध्य विद्यालय के बच्चों की पढ़ाई वैश्विक महामारी कोरोना का हाल में भी बंद नहीं हुई. यह प्रधानाध्यापक सुनील कुमार बेरा और साथी शिक्षकों की दृढ़इच्छा शक्ति और शिक्षा के प्रति प्रेम से संभव हो पाया है. कोरोना काल में यह स्कूल बंद तो रहा. परंतु बच्चों की पढ़ाई नहीं बंद हुई. रोजाना शिक्षक गांव जाकर बच्चों को पेड़ के नीचे सोशल डिस्टेंस के साथ सभी बच्चो को बैठाकर पढ़ाते है. हेडमास्टर सुनील बेरा ने बताया कि साथी शिक्षकों के साथ गांव में किसी वृक्ष के नीचे सामाजिक दूरी का पालन करते हुए बच्चों को नियमित रूप से पढ़ाया करते हैं.
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2001 में सुनील बेरा इस स्कूल में पदस्थापित हुए. तब यह इलाका घोर नक्सल प्रभावित था. बावजूद उन्होंने लगन और मेहनत से स्कूल जाकर बच्चों को पढ़ाया. स्कूल को शिक्षा, स्वच्छता, बागवानी और अनुशासन को नया आयाम दिया. उन्होंने गरीब बच्चों को पुस्तकें समेत अन्य पाठ्य सामग्रियां भी अपने स्तर से मुहैया करायी. कोरोना काल में स्कूल बंद हुआ तो उन्होंने स्कूल के 95 बच्चों को अपने स्तर से मास्क और साबुन उपलब्ध कराया. कोरोना काल में भी वे स्कूल जाते रहे और किसी वृक्ष के नीचे अपने साथी शिक्षकों के साथ बच्चों की पढ़ाई जारी रखी. पढ़ाई के दौरान बच्चे मास्क पहनना नहीं भूलते है और सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए जमीन पर बैठ कर पढ़ाई करते हैं.
सुनील बेरा और साथी शिक्षकों के शिक्षा के प्रति इस समर्पण भाव की अभिभावक खूब तारीफ करते हैं और अपने बच्चों को रोजना पढ़ने के लिए भेजते है. सुनील बेरा कहते हैं कि ग्राम शिक्षा समिति और यहां के ग्रामीण उन्हें काफी सहयोग करते हैं. यहां के ग्रामीण शिक्षा के प्रति जागरूक हैं. हर संभव सहयोग करते हैं. वे कहते हैं कि स्कूल के साथी शिक्षकों का भी भरपूर सहयोग मिलता है सभी के सहयोग से ही वे बच्चों को कोरोना काल में भी पढ़ा पा रहे हैं