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जमशेदपुर, आदित्यपुर, सरायकेला व चांडिल में जनती कर्फ्यू को मिला जनता का समर्थन, खुली रहीं औद्योगिक ईकाइयां, सड़कों पर पसरा सन्नाटा, कैमरे की नजर में देखें हाल, सरायकेला में लोगों ने जमकर की मुर्गा-मांस की खरीदारी, मनाया संडे

साकची.

जमशेदपुर : पीएम मोदी के आह्वान पर पूरा देश कोरोना को मात देने की तैयारी में जुट गया है. जहां जनता कर्फ्यू के दौरान सुबह से ही जमशेदपुर की जनता घरों से बाहर नहीं निकले वहीं शहर की सड़कें पूरी तरह से सुनसान नज़र आई. कुल मिलाकर जनता कर्फ्यू के दौरान जमशेदपुर शहर पूरी तरह से बंद रहा. क्रूर कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए पीएम मोदी के जनता कर्फ्यू को जमशेदपुर की जनता का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। सुबह 7 बजे के बाद से ही लोगों ने घर से निकलना बंद कर दिया।

बिष्टुपुर.

जमशेदपुर के सड़को की ये तस्वीरें तो कुछ ऐसा ही बयां कर रही है। प्रधानमंत्री की अपील के बाद आज 22 मार्च को शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा है। गालियां, कस्बों में पीएम की इस अनोखी पहल के साथ है लोग।

आदित्यपुर.

आदित्यपुर की दुकानों के शटर गिरे हुए है, सड़के बिल्कुल खाली है। बाराद्वारी में भी एक भी गाड़ियां सड़कों पर नहीं दिख रही। कुल मिला कर जन मन से जनता का बहुमत मिल रहा है इस जनता कर्फ्यू को।

परसुडीह.

शहर के नागरिक मोदी के इस मुहिम में पूरे समर्थन के साथ खड़ी है। बाराद्वारी निवासियों का कहना है कि जब सरकार, प्रशासन, सब हमारी सेवा में लगे है तो क्या हम बस 14 घंटे, सुबह 7 से 9 बजे तक घर पर रह कर स्वैच्छिक जनता कर्फ्यू को सफल भी नहीं बना सकते।

मानगो.

आदित्यपुर के लोगों में पूरा जोश है इस कोरोना के खात्मे के लिए। शाम पांच बजे वे घंटी, ताली और थाल की थाप के साथ तैयार है संसार में एक नई ऊर्जा के संचार के लिए।जमशेदपुर की जनता अपनी ज़िम्मेदारी समझते हुए एक दूसरे को घर से ना निकलने के लिए आगाह कर रहे है।

टाटानगर रेलवे स्टेशन पर गंतव्य तक जाने को सवारी का इंतजार करते यात्री.

लोगों को उम्मीद है कि कोरोना को भगाने की ये मुहिम रंग लाएगी। और आखिरकार भारत से कोरोना को जाना पड़ेगा।

सरायकेला में मिला-जुला असर

जनता कर्फ्यू का सरायकेला जिले में सुबह के वक्त मिला जुला असर देखा गया. कुछ शौकीन लोग घरों से निकले और चिकन व मटन की जमकर खरीदारी की, ताकि संडे का लुफ्त उठाया जाए. वहीं औद्योगिक इकाइयां भी खुली नजर आयी. आम लोग सड़कों पर नजर नहीं आए.

प्रशासनिक अपील का सुबह के वक्त कोई खास असर नहीं देखा गया. बड़ा सवाल ये है कि क्या इस खतरनाक वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए केवल केंद्र और राज्य सरकार के साथ जिला प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है ? पीएम मोदी के अपील पर आम लोगों की कोई भूमिका नहीं.

सरायकेला में खुली मुर्गाा दुकानें.

चांडिल में मिला पूरा समर्थन, सड़कों पर पसरा सन्नाटा, दुकानें रही बंद

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान का असर सरायकेला जिले के चांडिल में दिख रहा है. लोग जनता कर्फ्यू का समर्थन करते हुए अपने- अपने घरों में ही हैं. जिले की अधिकांश सड़कें पूरी तरह सुनसान हैं. दक्षिण पूर्व रेलवे के चांडिल स्टेशन पर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा रहा. रेलवे ट्रेक पर मालगाड़ी खड़ी रही.

शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में बाजार पूरी तरह से बंद रहीं. जनता कर्फ्यू में एक भी दुकाने नहीं खुली खुली. कर्फ्यू के दौरान सडकों पर पुलिस कर्मी तो दिख रहे हैं, लेकिन वे भी एहतियात बरते नजर आए. सभी मास्क लगा कर अपना फर्ज निभाते औऱ आम लोगो से बेवजह सड़कों पर ना निकलने की अपील करते नजर आए .

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