रांचीः रांची में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें पारा शिक्षकों के नियोजन को लेकर मंथन किया गया.आज की बैठक सफल रही. इसमें पाऱा शिक्षकों का प्रतिनिधित्व भी शामिल रहा, जिसमें आम सहमति के आधार पर निर्णय लिया गया पारा शिक्षकों के नियोजन बिहार मॉडल पर रहेगा. इस पर सभी की सहमति रही. किसी भी पारा शिक्षकों को हटाया नहीं जाएगा. बिहार की तर्ज पर झारखंड में शिक्षा मित्रों की तरह समायोजन किया जाएगा. इसके लिए सभी पारा शिक्षकों आकलन परीक्षा में शामिल होना होगा तथा पास करने वाले को इसमें वरीयता दी जाएगी.साथ ही पास करने लिए सभी पारा शिक्षकों को तीन अवसर मिलेगा. इस आकलन परीक्षा में कम से कम 45 अंक लाना अनिवार्य होगा,परीक्षा 100 अंक को होगा. इनमें क्वालिफाइंग मार्क्स पर भी मंथन हुआ. पारा शिक्षक इसे 33 प्रतिशत करने की मांग कर रहे हैं. बैठक में शिक्षा सचिव ने कहा कि बिहार में क्वालिफाइंग मार्क्स 45 प्रतिशत निर्धारित है.इसके बाद भी पास नहीं करने वाले पारा शिक्षकों को हटाया नहीं जाएगा. लेकिन उन्हें सुविधाओं से वंचित रहना पड़ेगा. पास करने वाले को नियमावली सुविधाएं दी जाएगी. इससे पूर्व 11 अगस्त को शिक्षा विभाग के पदाधिकारी व सचिव ने इस मामले की गहनता के विचार विमर्श किया. इसके बाद विभाग पदाधिकारी व सचिव ने शिक्षा मंत्री इस मामले को लेकर आम सहमति बनाने पर विचार किया. इसके बाद शिक्षा विशेषज्ञों से राय लेने के बाद बिहार मॉडल पर सहमति बनी. तत्पश्चात 18 अगस्त को निर्धारित तिथि पर पाऱा शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल के साथ शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने बैठक की. जिसमें पारा शिक्षकों के नियोजन पर सहमति बनी. इसके बाद शिक्षा मंत्री ने कहा कि झारखंड में पैसे की कमी नहीं होगी. इससे राज्य के 65 हजार पारा शिक्षकों को लाभ होगा. बैठक में मंत्री के अलावा विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, शिक्षा सचिव राजेश शर्मा, वित्त सचिव अजय कुमार सिंह, राज्य परियोजना निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया आदि शामिल हुए. आकलन परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे.