अनिल कुमार / बोकारो : झारखंड के बोकारो के पेटरवार प्रखण्ड के ओरदाना पंचायत के जगुडीह गांव के धवईगजार टोला में जड़ी-बूटी से तैयार दवा खाना महंगा पड़ा. दवा खाने वाली एक महिला की मौत हो गई तथा महिला के पति की हालत गंभीर है. जिन दो वैद्यों ने दवा तैयार किए उन दोनों ने भी दवा को चखा. उन दोनों की हालत भी गंभीर है. कुल मिलाकर दवा खाने से एक महिला समेत चार लोग चपेट में आ गए, जिसमें महिला की मौत हो चुकी है. गंभीर रूप से बीमार अन्य तीनों की हालत गंभीर बताई जा रही है. (नीचे भी पढ़ें)
जगुडीह गांव निवासी लघनु बेदिया और राधेश्याम सोरेन खुद को वैद्य बताकर जड़ी-बूटी से दवा तैयार कर लोगों का इलाज करता है. दोनों वैद्यों ने 29 जनवरी को धवईगजार टोला निवासी रामचरण मांझी की पत्नी उपासी देवी (61) को गठियावात की दवा सुबह 10.30 खिलाई. दवा खाने के कुछ समय बाद उसे उल्टी होने लगी. दोनों वैद्यों ने रामचरण मांझी को भी जड़ी-बूटी के फायदे बताकर दवा खाने को कहा. वह खाने से इंकार कर दिया. इंकार करने पर दोनों वैद्यों ने पहले खुद दवा खाया. दोनों वैद्यों को दवा खाते देख रामचरण मांझी ने भी खा लिया. दवा खाने के आधे घंटे उसे उल्टी होने लगी. दवा खाने के बाद दोनों वैद्यों को भी उल्टी होने लगी. आनन-फानन में दोनों वैद्यों को सीएचसी पेटरवार में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को सदर अस्पताल बोकारो रेफर कर दिया गया. रामचरण मांझी और उसकी पत्नी उपासी देवी को सीएचसी पेटरवार में भर्ती कराया गया, जहां जांच के बाद उपासी देवी को मृत घोषित कर दिया गया. रामचरण का इलाज अभी भी चल रहा है.