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Jharkhand loksabha election GODDA : गोड्डा में निशिकांत दुबे और प्रदीप यादव के बीच मूंछ की लड़ाई, दोनों के बीच करो या मरो की स्थिति, जानें क्या है गोड्डा के हालात

रांची : झारखंड के गोड्डा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र सम्पूर्ण गोड्डा जिले और देवघर और दुमका जिलों के कुछ हिस्सों को कवर करता है. इस बार के चुनाव में यहां पर राजनीति के धुर विरोधी माने जाने वाले निशिकांत दुबे और प्रदीप यादव चुनावी मैदान में है. भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर तीन बार के सांसद निशिकांत दुबे को प्रत्याशी बनाया है तो कांग्रेस ने झारखंड से 5 बार विधायक और एक बार सांसद रहे प्रदीप यादव पर दाव खेला है. इस बार के चुनाव में कांटे की टक्कर होने का अनुमान है. एक अनुमान के आधार पर गोड्डा में लगभग दो से ढाई लाख यादव, ढाई से तीन लाख मुसलमान, दो लाख ब्राह्मण, ढाई से तीन लाख वैश्य, डेढ़ लाख के करीब आदिवासी, एक लाख के करीब भूमिहार, राजपूत, कायस्थ और शेष पचपौनियां व दलित हैं. (नीचे भी पढ़ें)

गोड्डा लोकसभा सीट के के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें मधुपुर, देवघर, जरमुण्डी, पोड़ैयाहाट, गोड्डा और महगामा आती हैं. इनमें से देवघर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. निशिकांत दुबे ने कहा है अगर कांग्रेस प्रदीप यादव को मैदान में उतारती है, तो भी वे अपने लिए प्रचार नहीं करेंगे. वे सिर्फ अपना नामांकन दाखिल करेंगे और चाय पियेंगे कायकर्ताओं के साथ समय बितायेंगे, क्रिकेट खेलेंगे. निशिकांत ने यह भी कहा था कि परिणाम के लिए मुझे लगता है कि प्रदीप यादव अपनी जमा राशि खो देगा. वहीं, प्रदीप यादव ने भी साफ तौर पर घोषणा कर दी है कि लोकसभा चुनाव हार गये तो राजनीति से सन्यास ले लेंगे. (नीचे भी पढ़ें)

राजनीति से सन्यास लेने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर सदा जनता की सेवा करते रहेंगे. प्रदीप यादव ने भी अपनी जोर आजमाइश कर दी है. वैसे निशिकांत दुबे भी लगातार अंदर ही अंदर चुनाव प्रचार कर रहे है. आइटी की मदद लेकर प्रचार चल रहा है. गौरतलब है कि गोड्डा से निशिकांत दुबे तीसरी बार सांसद बने है जबकि प्रदीप यादव वहां से कई बार विधायक रह चुके है. ऐसे में प्रदीप यादव और निशिकांत दुबे के बीच कड़ी टक्कर है. दोनों के बीच मूंछ की लड़ाई बन चुकी है. वैसे भाजपा के अंदर भी विवाद दिखी है. पहले एक बार मारपीट भी हो चुकी है. वहीं, कांग्रेस ने माहौल को देखते हुए दीपिका पांडेय सिंह का पहले टिकट की घोषणा कर दी और फिर उनका टिकट काटकर प्रदीप यादव को टिकट दे दिया. खुद दीपिका बोल चुकी है कि वे कांग्रेस के लिए काम करेंगे.

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