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mahant-narendra-giri-murder-अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरी की मौत पर उनके साथ काम करने वाले जमशेदपुर पारडीह काली मंदिर के महंत विद्यानंद सरस्वती आहत, 10 साल पहले जमशेदपुर पधारे थे महंत नरेंद्र गिरी, विद्यानंद सरस्वती उनके हर काम में साथ ही साथ रहते थे, पढ़े पूरी रिपोर्ट

लाल घेरे में मारे गये महंत नरेंद्र गिरी, साथ में है देश के गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ब्लू घेरे में पारडीह काली मंदिर के महंत और जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महंत विद्यानंद सरस्वती जी महाराज

जमशेदपुर : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरी की मौत ने देश भर के हिंदूओं को झकझोर कर रख दिया है. जमशेदपुर के पारडीह काली मंदिर के महंत और देश की सबसे बड़ी नागा साधुओं की संस्था जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महंत विद्यानंद सरस्वती भी इस घटना से काफी आहत थे. वे महंत नरेंद्र गिरी के साथ काफी लंबे समय तक काम कर चुके है. चार बार के कुंभ के आयोजन में उनके साथ ही रहे थे. महंत नरेंद्र गिरी की मौत पर उन्होंने कहा कि यह तो विश्वास की ही बात नहीं है कि वे आत्महत्या कर सकते है. बड़ी से बड़ी लड़ाई सरकार और प्रशासन के साथ हम लोगों ने साथ लड़ी है. उनकी मौत की सीबीआइ जांच होनी ही चाहिए और सच सामने लाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वे 25 सितंबर को प्रयागराज में होने वाले सुरसी भंडारा में भाग लेने के लिए जायेंगे. महंत विद्यानंद सरस्वती ने बताया कि करीब दस साल पहले काली मंदिर में खुद महंत नरेंद्र गिरी जी आये थे. वे यहां आयोजित भंडारा में हिस्सा लिये थे. वे यहां आत्मीयता से रहे है. महंत विद्यानंद सरस्वती ने बताया कि वे उनके साथ मिलकर नासिक, इलाहाबाद, हरिद्वार के कुंभ का आयोजन कर चुके है. वहां देश के गृह मंत्री अमित शाह समेत तमाम लोग भी पधारे थे. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अक्सर आया करते थे.

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