नई दिल्ली : टाटा स्टील लिमिटेड, टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट्स लिमिटेड और दी टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने शुक्रवार को इस्पात मंत्रालय के साथ स्पेशलिटी स्टील के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआइ) योजना के तहत आठ उत्पाद श्रेणियों के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. मंत्रालय के साथ 20 उप-श्रेणियों को कवर करने वाली 27 कंपनियों के साथ कुल 57 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए. इस अवसर पर केंद्रीय इस्पात और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया व इस्पात मंत्रालय तथा इस्पात कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे. टाटा स्टील के वीपी कारपोरेट सर्विसेज चाणक्य चौधरी ने कहा कि हम पीएलआइ योजना को संचालित करने के लिए इस्पात मंत्रालय के आभारी हैं, जो उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक उत्पादों के पैमाने और गुणवत्ता दोनों के मामले में राष्ट्रीय इस्पात नीति 2017 को साकार करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा. भारतीय इस्पात उद्योग पिछले कुछ वर्षों से विकास पथ पर अग्रसर है और वर्तमान में विश्व स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. स्टील देश में अतिआवश्यक निजी निवेश को संचालित करने वाले क्षेत्रों में से भी एक है. एमओयू पर हस्ताक्षर टाटा स्टील के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिससे कंपनी अपनी क्षमताओं को और बढ़ा सकती है और सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण में योगदान कर सकती है. पीएलआइ योजना का उद्देश्य घरेलू के साथ ही विदेशी कंपनियों को उच्च तकनीक वाले अनुप्रयोगों के लिए आवश्यक स्पेशलिटी स्टील्स बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है. स्पेशलिटी स्टील्स के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआइ) योजना को 22 जुलाई, 2021 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 6322 करोड़ रुपये के पांच साल के वित्तीय परिव्यय के साथ पूंजी निवेश को आकर्षित करने, रोजगार पैदा करने और इस्पात क्षेत्र में प्रौद्योगिकी उन्नयन को बढ़ावा देने के लिए देश के भीतर विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए मंजूरी दी गई थी.