जमशेदपुर : आदिवासी हो समाज युवा महासभा की ओर से सोमवार को सीतारामडेरा में 34वां ‘हो’ भाषा वारङ्ग क्षिति लिपि के जनक ओत गुरु कोल लाको बोदरा की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण/श्रद्धांजलि अर्पित कर पुण्यथिति मनाई गई. इस अवसर पर युवा महासभा के जिलाध्यक्ष सुरा बिरुली ने कहा कि आज भी ‘हो’ भाषी लोग सरकारी योजना से कोसों दूर हैं. राज्य में हो भाषा को द्धितीय राज्यभाषा का दर्जा तो मिला लेकिन न तो शिक्षकों की बहाली हुई है न ही हो भाषा की पुस्तकें सरकारी स्तर पर छापी जा रही है. आज भी हो समुदाय के लोग हो भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए आंदोलित हैं. लोकसभा चुनाव / विधानसभा चुनाव के वक्त झारखण्ड में झामुमो और भाजपा और ओड़िसा में कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में हो भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल कारने की घोषणा की थी, मगर ये घोषणा सिर्फ चुनावी जुमला के रूप में दिख रही है. आने वाले दिनों में राष्ट्रीय स्तर पर उग्र आंदोलन किया जायेगा. कार्यक्रम में सुरा बिरुली, राजेश कांडेयोंग, उपेन्द्र बानरा, अजय बिरुली, समीर कालुन्डिया, मोसो सोय समेत अन्य लोग उपस्थित थे.
सीतारामडेरा में किया गया माल्यार्पण
दूसरी ओर आदिवासी हो समाज, पुराना सीतारामडेरा के तत्वावधान में आोत गुरु कोल लाको बोदरा के पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में उनकी आदमकद प्रतिमा में माल्यार्णपण किया गया. जिसमें समाज के विभिन्न पदाधिकारी सह बस्तीवासी उपस्थित थे. इस दौरान उन्होंने अपने विचारों को साझा किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता स्थानीय अध्यक्ष राजेश कांडेयोंग ने की. कार्यक्रम में निकिता सोय, राजकुमार हेम्ब्रोम, संगीता सामड, सबनम बारी, महावीर पड़ेया, दुर्गामुनि, पूजा सुंडी, सलोनी हांसदा समेत अन्य लोग उपस्थित थे.
बागुनहातु में याद किये गये लाको बोदरा
आदिवासी हो समाज बगुनहातु के अध्यक्ष शिव चरण बारी की अगुवाई में बागुनहातु भवन में 34वां ओत गुरु कोल लाको बोदरा के तस्वीर पर पर माल्यार्पण कर पुण्यथिति मनायी गयी. इस अवसर पर रवि सावैयां, राजा तुविड, बुधराम पड़ेया, राजू गुईया, विश्वाजित, विक्रम हेम्ब्रोम, टनटन मुन्दुइया, लादू देवगम, दीपक बराय, नायक बानरा, संजय बोदरा, सिकंदर बानरा, सबनम देवगम, सरस्वती सावैयां, शिल्पी हेम्ब्रोम समेत अन्य लोग उपस्थित थे.