चाईबासा : खरसावां में शहीदों की याद में कोल्हान नितिर तुरतुंग द्वारा सामुदायिक भवन में लाइब्रेरी सह कोचिंग सेंटर खोला गया। मुख्य अतिथि सरायकेला-खरसावां के उप-विकास आयुक्त प्रवीण कुमार, विशिष्ट अतिथिगण बीडीओ, डुमरी (गिरीडीह) सोमनाथ बांकिरा, बीडीओ खरसावां मुकेश मछुवा, डीटीओ, गुमला-लोहरदगा विजय सिंह बिरुवा, लेखा पदाधिकारी, छत्तीसगढ़ माझी राम जामुदा, प्रोफेसर बलभद्र बिरुवा और बीडीओ, राजनगर डांगुर कोड़ाह ने संयुक्त रूप से फीता काट कर सेंटर का उद्घाटन किया। मुख्य अतिथि सरायकेला-खरसावां के डीडीसी प्रवीण कुमार गागराई ने कहा कि शिक्षा जैसी मूलभूत जरुरत को जरुरतमंद व गरीब विद्यार्थियों के बीच बांटना वाकई बहुत ही पुण्य का कार्य है। कोल्हान नितिर तुरतुंग मानवता की मिसाल कायम करते हुए नि:शुल्क कोचिंग सेंटर सह पुस्तकालय की स्थापना कर रहा है। यह काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा ऐसे कार्यों में अधिक से अधिक संवेदनशील विचारधारा वालों का समूह बनाकर वित्तीय प्रबंधन मजबूत करने की आवश्यकता है। ताकि जरूरतमंद विद्यार्थियों के मार्गदर्शन में वित्तीय समस्या नहीं आए। (नीचे भी पढ़ें)
पुस्तकालय स्थापित करने में अहम भूमिका निभाने वाले खरसावां बीडीओ मुकेश मछुवा ने कहा कि ऊंची शिक्षा ग्रहण करने का इरादा रखने वाले होनहार विद्यार्थियों के लिए पुस्तकालय और कोचिंग सेंटर वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि बड़े शहर के महंगे संस्थानों में शिक्षा ग्रहण करने वाले भी वही पढ़ते हैं जो बातें इस पुस्तकालय की पुस्तकों में है। लिहाजा मन में शिक्षा ग्रहण करने के प्रति जुनून पैदा पढ़ाई का माहौल बनाने की जरुरत है।इससे अवश्य ही मंजिल प्राप्त होगी। कोचिंग सेंटर में बैंक, रेलवे,एसएससी,पुलिस, आर्मी,वायु सेना, तृतीय व चतुर्थ वर्गीय प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए नि:शुल्क तैयारी करायी जाएगी। वहीं पुस्तकालय में प्रतियोगिता परीक्षा हेतु उपयोगी पुस्तकें रखी गई हैं। इस अवसर पर सभी अतिथियों और कोल्हान नितिर तुरतुंग के कर्मठ सदस्यों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। मौके पर स्थानीय मुखिया मंजू बोदरा,आलोक दास,डॉ.मिथलेश हेम्ब्रम ,प्रो.बलभद्र बिरुवा,माझी राम जामुदा, डॉ.हीरेन्द्र बिरुवा,पुलिस सार्जेंट मेजर रांधो देवगम,चुईरा पुरती,अर्जुन सोरेन,साधु हो, सावन सोय, विनिता पुरती,उर्मिला पुरती,सिंगराय बोदरा,सत्यजीत हेम्ब्रम,रविन्द्र गागराई, शैलेश खंडाईबुरु,दुंबी दीपक बारी,अमीर हिन्दुस्तानी, प्रकाश लागुरी, कृष्णा देवगम, जवाहरलाल बांकिरा, सिकंदर बुड़ीउली,हरिचरण खंडाईत, गिरिधारी गर्ग पान, विद्यासागर लागुरी समेत काफी संख्या में विद्यार्थी व महिला-पुरुष उपस्थित थे।