जमशेदपुर : कोल्हान के सबसे बड़े औद्योगिक और व्यवसायिक संस्था सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स का एक प्रतिनिधिमंडल वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव से मिला एवं विभिन्न मुद्दों पर सुझाव दिये. चैंबर के मानद महासचिव मानव केडिया ने बताया कि 6 साल के अंतराल के बाद भी राज्य सरकार के संवेदकों को जीएसटी का अतिरिक्त भुगतान नहीं किया जा रहा है जिससे उन्हें भारी भरकम वित्त हानि हो रही है. इस विषय पर चैंबर ने वित्त मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया. सचिव वित्त एवं कराधान पीयूष चौधरी अधिवक्ता ने बताया कि चैंबर के एक सदस्य ने राज्य कर विभाग द्वारा जारी नोटिस में व्याप्त त्रुतिओं की ओर चैंबर का ध्यान आकृष्ट किया था. उससे संबंधित एक ज्ञापन वित्त मंत्री, राज्य कर सचिव विप्रा भाल एवं राज्य कर आयुक्त संतोष वत्स को दिया गया. चैंबर ने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार को भी हर नोटिस पर डिन् नंबर बैठाना अनिवार्य करना चाहिए. नोटिस जारी करने वाले अफसर का नाम, नंबर, इमेल एवं ऑफिस का एड्रेस भी हर नोटिस में ज़रूर लिखा होना चाहिए. (नीचे भी पढ़ें)
व्यवसायी को यह सुविधा होनी चाहिए कि वो नोटिस का जवाब ऑन लाइन या मेल द्वारा भी दे सके. लगभग 6 वर्ष बीत जाने के बाद भी जीएसटी ट्रिब्यूनल ना बनने पर चैंबर ने असंतोष जताया. चैंबर ने कर समाधान स्कीम में सुधार समेत उसकी अंतिम तिथि बढ़ाने का भी आग्रह वित्त मंत्री से किया. मंत्री ने सभी बातों को गंभीरतापूर्वक सुना एवं उचित कारवाही करने का आश्वासन दिया. संतोष वत्स ने फेक डीलर के विरुध विभाग द्वारा की की जा रही करवाई के बारे में बताया तथा संवेदकों को अतिरिक्त जीएसटी का भुगतान करने एवं कर समाधान स्कीम पर विस्तृत चर्चा की. प्रतिनिधिमंडल में मानद महासचिव मानव केडिया अधिवक्ता एवं सचिव वित्त एवं कराधान पीयूष चौधरी अधिवक्ता शामिल थे.