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west singhbhum : अवैध लौह आयस्क का उत्खनन कराने वाले माफियाओं और तस्करों की खैर नही, वन विभाग भी करेगा वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज

चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिला में लौह अयस्क का अवैध उत्खनन करने वाले माफियाओं और तस्करों पर नकेल कसने की तेयारी पुरी कर ली गई है अब उन माफियाओं और लौह आयस्क के तस्कर करने वालों के लिए राह आसान नहीं रह गया है। अवैध लौह अयस्क उत्खनन और तस्करी को रोकने के लिए गठित जिला टास्क फोर्स के साथ अब वन विभाग की टीम भी काफी सक्रिय हो गई है. अवैध लौह अयस्क उत्खनन और भंडारण मिलने पर खनन अधिनियम के साथ अब वन अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज होगा। जिससे लौह माफियाओं को बच पाना बेहद मुश्किल हो जाएगा. यह जानकारी सारंडा के डीएफओ रजनीश कुमार ने दी है. सारंडा डीएफओ ने बताया कि सारंडा में अवैध लौह अयस्क माफियाओं के खिलाफ वे लोग भी काफी सक्रिय हो गए हैं. सारंडा एक रिजर्व फॉरेस्ट एरिया है और वहां भारत सरकार के अनुमति के बिना गलती से भी माइनिंग नहीं की जा सकती है. यदि कोई भी इसका उल्लंघन करता है तो उस पर अब वन अधिनियम का मामला भी दर्ज होगा. मालूम हो कि जिले में अधिकांश लौह अयस्क खदान सारंडा क्षेत्र में ही आते हैं। कुछ खनन क्षेत्र अन्य वन क्षेत्र में आते हैं। इन सभी वन क्षेत्रों में अवैध उत्खनन करना वन अधिनियम का सीधा उल्लंघन है. इन दिनों जिले में लगभग सभी निजी लौह अयस्क खदान बंद है, जिसका फायदा लौह माफिया उठाने में लगे हैं, बंद माइंस के आस-पास के क्षेत्रों में बडे पैमाने पर अवैध उत्खनन किए जा रहे थे. जिसकी जानकारी मिलने पर जिला प्रशासन, खनन विभाग, पुलिस हरकत में आयी और अब ‌वन विभाग को भी इसमें शामिल कर दिया गया है. गौरतलब है कि अभी तक अवैध उत्खनन या तस्करी किए जाने पर सिर्फ खनन अधिनियम का ही मामला दर्ज होता था. जिससे माफिया और तस्कर जल्द बच निकलते थे. लेकिन अब उन पर शिकंजा कस दिया गया है,यदी पकड़े गए तो खैर नहीं होगी। गौरतलब हो की नोवामुड़ी बड़ाजामदा थाना क्षेत्र में कई बंद पड़े क्रशर व प्लाट में हजारो हजार टन अवैध उत्खनन कर लौह आयस्क रखे जाने की जानकारी खान सचिव, आयुक्त और पुलिस प्रबंधन को भी दी गई है।जिसमें बताया गया कि कुछ क्रशर में व्यापक पैमाने पर फाइंस का भण्डारण किये जाने की शिकायत मिली है। वहीं कुछ अन्य क्रशर के प्लाट में उच्च कोटि का फाइंस का भण्डारण है। अब यह भी चर्चा होने लगी है की जब खनन क्षेत्र के सभी माइनिंग क्रशर और प्लांट बंद पड़े है तो आयरन माफियाओं द्वारा व आयरन तस्करों द्वारा किसके संगरक्षण में अवैध खनन कर लौह आयस्क को ओड़िशा और आंद्रप्रदेश भेजा गया. जबकी इस कार्य की देख रेख की जिम्मेवार पूरी तरह से जिला खनन पदाधिकारी की है।वहीं यह भी चर्चा है कि पिछले दिनों बड़ाजामदा क्षेत्र के कोर मिनरलस प्लांट के पास से पुलिस और खनन विभाग द्वारा 750 टन आयरन ओर जब्त किये गये थे तथा प्लाट पर अवैध उतखनन करते जेसीबी भी जब्त की गई जो स्थानीय थाना में अब तक नहीं पहुंची। साथ ही छह लोग और जेसीबी पर मामला दर्ज किया गया था जो संतोष उर्फ डेबरा आज तक पुलिस के गिरफ्त से फरार चल रहा है।

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