चाईबासा : इस भीषण गर्मी में नोवामुंड़ी प्रखंड मुख्यालय से सटी आजाद बस्ती एवं टाटरा हटिंग के सैकड़ों परिवारों के बीच पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है. बस्ती में लोग सुबह से ही मुखिया फंड से निर्मित सोलर जलमीनार से पानी लेने के लिए कतार लगाना शुरू कर देते हैं ताकि उन्हें पेयजल से वंचित न होना पड़े. पूर्व में टाटरा हटिंग एवं आजाद बस्ती में पेयजल जैसी गम्भीर समस्या को देखते हुए बस्ती वासियों की मांग पर टाटा स्टील मॉइन्स प्रबंधन की ओर से अमृत जलधारा योजना के तहत बोरिंग करवा कर पम्प हाउस के माध्यम से घर-घर पेयजल की आपूर्ति की जा रही थी. इसकी देखरेख के लिए एक समिति भी बनायी गयी है, जिससे दोनों बस्ती वासियों को पेयजल की समस्या से काफी हद तक राहत मिल रही थी. किन्तु अमृत जलधारा योजना के करीब 20-25 वर्ष गुजर जाने व वर्षों पुरानी पाइपों के सड़ जाने के कारण कई जगहों से पानी लीक कर जाता है. इस कारण दोनों बस्ती के लोगों को उचित मात्रा में पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. विशेषकर आजाद बस्ती के नीचे टोला के दर्जनों परिवारों को एक बूंद पानी भी नसीब नहीं हो पा रहा है. फलस्वररूप इन लोगों को भी सोलर जलमीनार के भरोसे रहना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि अमृत जलधारा योजना में प्रत्येक घर से मासिक शुल्क वसूल किए जाने के बावजूद उन्हें पानी आपूर्ति से वंचित रखा जा रहा है. कुछ लोगों का कहना है कि टाटरा हटिंग एवं आजाद बस्ती के अधिकांश लोगों द्वारा बड़े और शक्तिशाली मोटर पम्प का इस्तेमाल कर पानी का अधिकांश हिस्सा खींच लिए जाने के कारण गरीबों के घरों तक पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. दोनों बस्ती के लोगों ने टाटा स्टील प्रबन्धन से अमृत जल धारा योजना के पुराने और जर्जर हो चुके पाइपलाइन को बदलवाने की मांग की है.
West-Singhbhum-water-shortage : नोवामुंड़ी प्रखंड मुख्यालय से सटी आजाद बस्ती एवं टाटरा हटिंग के सैकड़ों परिवारों के बीच पेयजल के लिए हाहाकार
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