रांची : लोकसभा चुनाव को लेकर झारखंड में इंडिया गठबंधन की ओर से अब तक काफी सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की गयी है. झामुमो द्वारा जमशेदपुर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी की घोषणा की जानी है, जिसका इंतजार सबको है. बताया जाता है कि जमशेदपुर लोकसभा सीट पर झामुमो अपनी ओर से मंगलवार को टिकट की घोषणा कर देगी. इसके तहत जमशेदपुर में झामुमो के कद्दावर नेता आस्तिक महतो को टिकट दे सकती है. वैसे ज्यादा संभावना यह भी है कि भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी को इंट्री दे दी जाये और उनको लोकसभा का प्रत्याशी बना दिया जाये. कुणाल षाड़ंगी को मनाने की कवायद चल रही है क्योंकि लोकसभा क्षेत्र में उनकी पकड़ मजबूत है और भाजपा ने उनको दरकिनार कर दिया है. खुद मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन नही चाहते है कि आस्तिक महतो को टिकट दिया जाये. वे भी कुणाल के पक्षधर है जबकि कल्पना सोरेन और हेमंत सोरेन की भी रजामंदी है. लेकिन झामुमो के लगभग सारे बड़े नेता आस्तिक महतो के नाम पर सहमत है क्योंकि वे आंदोलनकारी रहे है और झामुमो की स्थापना में भी उनका अहम योगदान रहा है. (नीचे भी पढे़ं)
ऐसे में वे पार्टी के भीतर में सबसे नंबर वन च्वाइस है. दूसरी ओर, सिंहभूम संसदीय सीट से जोबा मांझी को झामुमो अपना प्रत्याशी बना चुकी है. लेकिन हो समाज के विरोध के बाद प्रत्याशी बदलने की चर्चा भी हो रही है. वैसे मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने इससे इनकार किया है. इस पर कयास लगाया जा रहा है कि बदलने और नहीं बदलने को लेकर पार्टी में विरोधाभाष की स्थिति है. इस बीच झारखंड में कांग्रेस बची हुई सीटों पर भी प्रत्याशियों की घोषणा मंगलवार को कर सकती है. रांची सीट पर कांग्रेस के पास तीन नाम है. रांची सीट पर जमशेदपुर पश्चिम से विधायक और मंत्री बन्ना गुप्ता का नाम सबसे ऊपर है. वहीं, पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रह चुके सुबोध कांत सहाय और भाजपा से पांच बार के सांसद रामटहल चौधरी को भी रांची सीट के लिए दावेदार माना जा रहा है. सुबोधकांत सहाय कई बार रांची से सांसद रह चुके है. वहीं, हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए रामटहल चौधरी को रांची का उम्मीदवार बनाने की संभावनाएं है. इसी तरह गोड्डा सीट से वर्तमान में विधायक दीपिका पांडेय सिंह का नाम सबसे ऊपर है. गोड्डा सीट से वैसे कांग्रेस के फुरकान अंसारी और प्रदीप यादव का भी नाम है. इन तीन नामों में दीपिका पांडेय सिंह का नाम सबसे ऊपर है और टिकट लगभग कंफर्म माना जा रहा है. कांग्रेस के पास धनबाद सीट भी है. धनबाद सीट पर बेरमो से विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह की पत्नी अनुपमा सिंह का नाम ऊपर है. इंटक के पूर्व राष्ट्रीय सचिव और पूर्व उपमुख्यमंत्री राजेंद्र सिंह के पुत्र अनूप सिंह की पत्नी अनुपमा को टिकट देने को लेकर परिवार में ही विवाद हो गया है. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के नेता और अनूप सिंह के छोटे भाई कुमार गौरव ने ही टिकट के लिए दावेदारी कर दी है. बताया जाता है कि कुमार गौरव का तर्क है कि चूंकि बेरमो सीट से अनूप सिंह को टिकट मिला था, इस कारण धनबाद सीट से लोकसभा का टिकट उनको ही दिया जाना चाहिए. (नीचे भी पढे़ं)
इस कारण ही वहां की घोषणा को रोकी गयी है. वैसे जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय भी धनबाद लोकसभा सीट से अपनी ताल ठोंक रहे है. वे कांग्रेस से समर्थन मांग रहे है. झामुमो कह चुकी है कि अगर कांग्रेस समर्थन देगा तो उनको कोई दिक्कत नहीं है. वैसे धनबाद सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी दावेदार है. ददई दुबे और रवींद्र पांडेय का भी नाम धनबाद सीट के लिए है. चतरा सीट से राजद भी ताल ठोक रही है, जहां से गिरीनाथ सिंह को दावेदार माना जा रहा है. लेकिन कांग्रेस वहां से अपना उम्मीदवार देना चाहती है. वैसे इस सीट से पूर्व प्रत्याशी केएन त्रिपाठी, अरुण सिंह और गुंजन सिंह को भी दावेदार माना जा रहा है. इन सारी टिकटों को लेकर सबकी निगाहें आलाकमान पर टिकी हुई है. कांग्रेस और झामुमो की घोषणा के बाद सारे 14 सीट पर प्रत्याशी तय हो जायेंगे, जिसके बाद चुनावी जंग और तेज होगी. अभी कांग्रेस ने लोहरदगा से सुखदेव भग, खूंटी से कालीचरण मुंडा और हजारीबाग से जयप्रकाश भाई पटेल को टिकट दे चुकी है. झामुमो अपने कोटे से दुमका से नलिन सोरेन, गिरीडीह से मथुरा महतो, राजमहल से विजय हांसदा, सिंहभूम संसदीय सीट से जोबा मांझी, कोडरमा से सीपीआइ माले ने बिनोद कुमार सिंह और राजद ने पलामू से ममता भुइयां को टिकट दिया है.