रांची : झारखंड की राजनीति में एक नये और बड़े घटनाक्रम के तहत झारखंड विकास मोरचा का भाजपा में विलय हो गया. बाबूलाल मरांडी अपने पूरे दल के लोगों के साथ करीब 14 साल के बाद भाजपा में वापसी कर ली. केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित भाई शाह ने उनको पार्टी में माला पहनाकर स्वागत किया. रांची के प्रभात तारा मैदान में आयोजित भव्य कार्यक्रम और खचाखच भीड़ के बीच बाबूलाल मरांडी को माला पहनाकर अमित शाह ने स्वागत किया. इस मौके पर झारखंड भाजपा के प्रभारी ओम माथुर, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास. पूर्व सांसद कड़िया मुंडा, सांसद समीर उरांव, सांसद अन्नपूर्णा देवी समेत तमाम सांसद और विधायक, भाजपा और झाविमो से जुड़े तमाम नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे. करीब 14 साल तक झारखंड विकास मोरचा का संचालन करने के बाद अंतत: बाबूलाल मरांडी ने भाजपा में अपना योगदान दे दिया, जिनका भव्य स्वागत किया गया.
इस मौके पर अमित शाह ने उम्मीद जतायी कि भाजपा झारखंड में मजबूत होगी और मजबूत विपक्ष की भूमिका निभायेगी. बाबूलाल मरांडी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता रहे है और झारखंड के पहले मुख्यमंत्री थे और भाजपा ने उनको अपना चेहरा झारखंड गठन के बाद बनाया था, लेकिन डोमेसाइल आंदोलन के बाद उनको मुख्यमंत्री पद से हटाकर अर्जुन मुंडा को मुख्यमंत्री बना दिया गया था. इसके बाद 2 मई 2006 को बाबूलाल मरांडी ने भाजपा छोड़ दी और अपनी झारखंड विकास मोरचा की नयी पार्टी का गठन किया.
बाद में 3 अक्तूबर 2007 को राजनीतिक दल के तौर पर झारखंड विकास मोरचा प्रजातांत्रिक का रजिस्ट्रेशन करने के लिए चुनाव आयोग में कर दिया गया. इसके बाद 11 जून 2009 को चुनाव आयोग ने राज्यस्तरीय पार्टी के रुप में झाविमो को कंघी चुनाव चिन्ह आवंटित किया. इसके बाद 11 फरवरी 2020 को झाविमो की केंद्रीय कार्यसमिति ने भाजपा में झारखंड विाकस मोरचा में पार्टी का विलय करने का प्रस्ताव लाया, जिसके बाद सोमवार को उनको भाजपा में वापस ज्वाइन कर दिया गया. झाविमो के गठन के बाद 2009 के चुनाव में उनके 11 सीटों पर चुनाव जीता. वर्ष 2014 के चुनाव में 8 सीटों पर झाविमो ने जीत दर्ज की जबकि 2019 के चुनाव में तीन सीटों पर उनकी जीत हुई. इसके बाद वे भाजपा में पार्टी का विलय करने की घोषणा कर दी.