जमशेदपुर : जमशेदपुर में लगातार कोरोना के केस बढ़ रहे है. इसको लेकर सचेत रहने की जरूरत है. इसको लेकर सतर्क रहने की जरूरत है. यह बातें टाटा स्टील के एमडी सह सीइओ टीवी नरेंद्रन ने कहीं. श्री नरेंद्रन शुक्रवार एमडी ऑनलाइन में कर्मचारियों के सवालों का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि कोविड 19 के बढ़ते केस को देखते हुए हम सभी को कोविड से बचाव के लिए जारी नियमावली का पूर्व की तरह अनुपालन करना होगा। नियमित रूप से हाथ धोने, सेनिटाइजर का उपयोग करें, भीड़ वाले स्थानों में जाने से बचने, सार्वजनिक स्थलों में मास्क पहनने व शारीरिक दूरी का अनुपालन करना होगा। तभी हम खुद को अपने स्वजनों को और अपने साथ काम करने वाले कर्मचारियों को सुरक्षित रख सकते हैं। कार्यक्रम के दौरान कलिंगनगर प्रोजेक्ट से वाइस प्रेसिडेंट (आपरेशन) राजीव कुमार ने भी बताया कि ओडिसा में कोविड 19 के केस बढ़ रहे हैं लेकिन अभी कंट्रोल में है। जबकि मीरामंडली से सुनील ने बताया कि जून माह में कोविड 19 के तीन केस मिले हैं लेकिन अच्छी बात है कि कोई गंभीर रूप से बीमार नहीं है लेकिन हम सभी को सावधानी बरतने की जरूरत है। एमडी आनलाइन के दौरान कर्मचारियों व कंपनी प्रबंधन के बीच सवाज-जवाब का सत्र नहीं हुआ। प्रबंधन ने अगस्त माह में कर्मचारियों के सवाल लेने की बात कही है। एमडी आनलाइन के दौरान एमडी ने कहा कि इंडियन आपरेशन में बढ़ते लास टाइम इंज्यूरी (एलटीआइ) को रोकना बड़ी चुनौती है। सेफ्टी के प्रति कर्मचारियों में जागरूकता बढ़ी है लेकिन इस पर लगातार काम करने की जरूरत है। कलिंगनगर के वाइस प्रेसिडेंट ने बताया कि जून माह में उनके यहां चार जबकि मीरामंडली में एलटीई के तीन व टीएसएमएल में एक घटना सामने आई है। कार्यक्रम के दौरान एमडी ने सभी कर्मचारियों को बेहतर क्वालिटी व रिकार्ड प्रदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया। कलिंगनगर से राजीव कुमार ने बताया कि बीते तीन माह में उनके यहां भी अच्छा प्रोडक्शन हुआ है। हालांकि उन्हें ज्यादा आयरन ओर स्टाक की जरूरत है। उन्होंने बताया कि केपीओ में एचएस 900 के रूप में एक नया प्रोडक्ट तैयार किया गया है जिससे वाहन की बाडी में 550 किलोग्राम स्टील की खपत कम होगी। एमडी ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के तहत हम कोस्टल एरिया से जुड़े क्षेत्रों में समुद्र मार्ग से अपना तैयार माल भेज रहे हैं। पिछले दिनों चेन्नई से कोच्चि के लिए 237 टन माल भेजा गया। जिसमें टाटा स्टील को 650 रुपये प्रति टन की बचत हुई।