चाकुलिया : चाकुलिया नगर पंचायत क्षेत्र में विगत दो-तीन वर्ष पूर्व क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में लाखों रुपये की की लागत से चार सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया था. उक्त शौचालय का प्रयोग ग्रामीण नहीं करते हैं उनमें से कुछ शौचालयों का ताला भी अब तक नहीं खुल पाया है अधिकांश शौचालयों में ताला लटका हुआ है. इसके बावजूद भी नगर पंचायत के जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी नगर पंचायत में सामुदायिक शौचालय निर्माण के प्रति मेहरबान क्यों है. यह जनता के लिए एक पहेली बन कर रह गई है .नगर पंचायत क्षेत्र के लोगों के मन में यह प्रश्न बार-बार उठ रहा है कि जब पूर्व में बने शौचालय का प्रयोग नहीं हो रहा है तो दोबारा इसे प्राथमिकता के आधार पर योजना को पारित कैसे किया जा रहा है. जबकि नगर पंचायत क्षेत्र के मुंडा बहुल गांव सोनाहरा गांव में स्वच्छता अभियान के तहत लगभग हर घरों में 12,000 की लागत से शौचालय का निर्माण किया गया है .उक्त शौचालय का प्रयोग भी ग्रामीण नहीं करते हैं तो फिर इसी गांव में जनप्रतिनिधि और पदाधिकारियों ने दोबारा 21 लाख की लागत से सामुदायिक शौचालय का निर्माण क्यों करा रही है, ये अपने आप में एक यक्ष प्रश्न है.
सोनाहार गांव के ग्रामीणों ने कहा कि गांव में सामुदायिक शौचालय से ज्यादा मैरिज हॉल या सामुदायिक भवन की जरूरत थी, विभाग उन योजनाओं को ना बनाकर विभाग द्वारा शौचालय का निर्माण किया जाना उनके लिए अनुपयोगी है .लोगों ने कहा कि गांव में अब तक एक नाली का निर्माण भी नहीं किया गया है. अगर नाली का भी निर्माण किया जाता तो गांव का विकास होता. ग्रामीणों ने कहा कि गांव नगर पंचायत में शामिल होने के बावजूद भी शहर के अनुपात गांव का विकास नहीं हो पाया है गांव में पीने के लिए स्वच्छ पानी, नाली, पर्याप्त मात्रा में लाइट समेत अन्य विकास कार्य नहीं हुआ है .लोगों ने कहा कि 21 लाख की लागत से शौचालय का निर्माण ना कर जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी गांव में मैरिज हॉल का निर्माण करते तो ग्रामीणों के लिए उपयोगी होता.