ऋतुराज
देवघर : श्रवण मास शुरू होने में बस अब कुछ ही दिन शेष रह गया है. लेकिन अभी तक मेला को लेकर सरकार के स्तर से कोई निर्णय नहीं हो पाया है, जिससे यहां के लोगों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है. (नीचे भी पढ़ें)
श्रावणी मेला शुरू होने के बहुत पहले से यहां के कांवरिया पथ पर रौनक छाने लगती थी, दुकानें सजने लगती थीं और जिला प्रशासन द्वारा भी तैयारी शुरू हो जाती थी, लेकिन इस बार अभी तक देवघर के कांवरिया पथ पर सन्नाटा पसरा हुआ है. पिछले वर्ष और इस वर्ष भी लंबे समय से श्रद्धालुओं के लिए मंदिर बंद रहने से स्थानीय पुरोहितों के साथ-साथ व्यवसायियों में भी काफी निराशा है. (नीचे भी पढ़ें)
एक माह तक चलने वाला श्रावणी मेला यहां के लोगों की आजीविका का मुख्य आधार रहा है. बिहार के सुल्तानगंज से देवघर और दुमका जिला के बासुकीनाथ धाम तक इस वार्षिक मेला का विस्तार होता है। प्रत्येक वर्ष सिर्फ श्रावणी मेला के दौरान लगभग 40 लाख श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और इस दौरान अरबों का कारोबार होता है, जो हज़ारों लोगों की रोजी-रोटी का आधार होता है. (नीचे भी पढ़ें)
पिछले वर्ष की तरह कोरोना के कारण इस बार फिर से मेला स्थगित रहने की संभावना ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. ऐसे में स्थानीय पुरोहितों और व्यवसायियों द्वारा सरकार से जल्द स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया जा रहा है और मेला नहीं लगने की स्थिति में आर्थिक पैकेज देने की मांग की जा रही है.