चाईबासा : झारखण्ड राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा है कि पिछले दो माह से पूरा हिन्दुस्तान कोरोना वायरस महामारी से गंभीर रूप से प्रभावित है, जिससे झारखण्ड राज्य भी अछूता नहीं है । राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है । इस गंभीरता को देखते हुए झारखंड सरकार द्वारा कई निर्देश निर्गत किए गये है तथा बचाव एवं राहत कार्य किए जा रहे है । सरकार के राहत कार्य से किसानों के बीच उत्थान की आशा जगी है । इस समय झारखंड समेत पूरे हिंदुस्तान में दूसरे चरण की लोक डाउन अवधि से लोग बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं । पहला वैसे लोग हैं जो कोरोना पॉजिटिव है दूसरा वे जो नेगेटिव है दोनों वर्ग बुरी तरह प्रभावित है । खासकर किसान वर्ग जो रवि और जेट फसल की खेती करते है उनका फसल बर्बाद हो गया है । लॉकडाउन की वजह से शहर के मंडी , बाजार हॉट , दैनिक एवं सप्ताहिक हॉट बंद हो गया है। खुदरा एवं थोक व्यापारी और कृषि उत्पादन केंद्र पर नहीं पहुंच पा रहे है । जिससे किसानों द्वारा उपजायी गई साग- सब्जी, अनाज बर्बाद हो रहा है और इस बीच जो कुछ भी खेतों में फसल बची थी वह भी पिछले दिनों ओलावृष्टि के कारण फसल बर्बाद हो गया आज किसान वर्ग को लॉक डाउन की वजह से आर्थिक एवं मानसिक रूप से प्रभावित हैं और किसानों के फसल बरबाद होने से दोहरी मार झेल रहे है ।
आज किसान वर्ग नुकसान होने से आर्थिक एवं मानसिक रुप से बहुत चिंतित है किसानों के इस दशा से राहत दिलाना राज्यहित में आवश्यक है और इनके मनोबल को ऊंचा बनाए रखना राज्य सरकार का नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी भी बनता है चुकि राज्य सरकार ही संवैधानिक रुप से सबल और समर्थ है और वैधानिक अधिकार भी राज्य सरकार पर ही निहित है ।
ऐसी परिस्थिति में दोहरी मार झेल रहे किसानों को मनोबल बढ़ाने तथा खेती कार्यों में उत्साह को बनाए रखने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा द्वारा मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को दिया गया सुझाव है. पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने कहा है कि उपरोक्त सुझाव पर विचार कर अल्पकालीन एवं दीघ्रकालीन कार्ययोजना को रेखांकित करना जरूरी है चुकि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद राज्य के लोगों एवं राज्य के बाहर रह रहे दैनिक श्रमजीवी मजदूरों को कई समस्याओं से जूझना पड़ेगा इन दुर्गमी परिणाम के मद्देनजर कार्ययोजना को समय रहते मुर्तरूप देना अति आवश्यक है ।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दिये गये सुझाव
- सरकार द्वारा धान क्रय कर प्राप्त की गई राशि से किसानों का बकाया राशि शीघ्र भुगतान किया जाए । सरकार के द्वारा धान क्रय करने के समय ही किसान को राशि का भुगतान करने की व्यवस्था की जाए।
- किसानों का वर्ष 2020- 21 कृषि लोन पर ब्याज माफ किया जाए।
- किसानों को ओलावृष्टि से हुए फसल की बर्बादी का मुआवजा दिया जाए।
- किसानों द्वारा वर्ष 2019- 20 में सरकार को बेचे गए धान की राशि के भुगतान में पांच प्रतिशत की कटौती की राशि को किसानों को भुगतान किया जाए।
- किसानों को कृषि से संबंधित बीज, उर्वरक, कृषि उपकरण आदि अनुदानित दर पर दिया जाए।
- किसानों को पट्वन हेतु पम्प मशीन में उपयोगी डीजल, केरोसिन एवं बिजली अनुदानित दर पर दिया जाए।