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jamshedpur-मंत्री बन्ना गुप्ता ने किया तीन दिवसीय राष्ट्रीय सांख्यिकीय प्रशिक्षण शिविर का उदघाटन

राशिफल

जमशेदपुर : भारत सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (क्षेत्र संकार्य प्रभाग) द्वारा आगामी 1 जुलाई 2022 से व्यापक वार्षिक मॉड्यूलर सर्वेक्षण आरंभ किया जा रहा है. 30 जून 2023 तक चलने वाले इस सर्वेक्षण के अंतर्गत भारतीय वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों जैसे आयुर्वेदिक, योगा, यूनानी, सोआरिगपा, होमियोपैथी, नेचुरोपैथी, अर्थात आयुष का देशवासियों के बीच उपयोग तथा जागरूकता सहित अन्य सामाजिक- आर्थिक विषयों पर आधारित आंकड़ों को संकलित किया जाएगा. 79वें दौर के सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के लिए सोमवार को जमशेदपुर के एनएच- 33 स्थित हिल व्यू होटल एंड रिसॉर्ट में झारखंड स्तरीय तीन दिवसीय क्षेत्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आरंभ हुआ. 22 जून तक चलने वाले इस प्रशिक्षण शिविर में राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय तथा झारखंड राज्य के अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय के कर्मचारियों को सर्वेक्षण संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की जाएगी. प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन झारखंड सरकार के स्वास्थ मंत्री बन्ना गुप्ता ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इस शिविर में मुख्या रूप से ह्रदय कुमार (उप- निदेशक, डीईएस, झारखंड सरकार), देवाशीष मण्डल (उप निदेशक, डीक्यूएडी, कोलकाता), रंजीत कुमार तिवारी,(उप महानिदेशक डीडीएस, रांची), ओमा लवली लकड़ा (रांची) उपस्थित थे. इस मौके पर उपस्थित बतौर मुख्य अतिथि मंत्री बन्ना गुप्ता ने विभाग के इस प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि इस सर्वेक्षण के आधार पर भारत सरकार एवं राज्य सरकार के पास जो डाटा उपलब्ध होंगे उसी आधार पर समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंच सकेगा. राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय द्वारा एकत्रित किए जाने वाले आंकड़ों का देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है. क्योंकि किसी भी प्रकार की योजना जो सरकार के द्वारा चलाई जाती है उसके लिए सटीक आंकड़ों का रहना अति आवश्यक है, ताकि समाज के किसी वर्ग तक और किसी स्थान पर किस प्रकार की योजना लागू की जानी चाहिए, इसका सटीक आकलन हो सके. इसके सटीक आकलन का यह महत्वपूर्ण कार्य राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय के द्वारा किया जाता है. इसके लिए यहां के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के योगदान की सराहना की जानी चाहिए. वही अपने संबोधन में उप महानिदेशक डीडीएस रांची रंजीत कुमार तिवारी ने आयुष सर्वेक्षण के उद्देश्य एवं महत्व पर प्रकाश डाला. (नीचे भी पढ़ें व देखें वीडियो)

उन्होंने बताया कि व्यापक वार्षिक मॉड्यूलर सर्वेक्षण का प्रारंभ वर्तमान में आवश्यक सामाजिक आर्थिक सूचकांकों के निर्माण के लिए किया जाएगा, जो कि अन्य श्रोत जैसे प्रशासनिक आंकड़ों के माध्यम से उपलब्ध नहीं हो पाता है. व्यापक वार्षिक मॉड्यूलर सर्वेक्षण में एकत्रित जानकारियां सतत् विकास लक्ष्य के सूचकों एवं वैश्विक सूचकांकों के उपसूचकों पर आधारित होगी. उदाहरण स्वरूप सुरक्षित ढंग से प्रबंधित पेयजल सेवा का प्रयोग करने वाली आबादी का प्रतिशत, ऐसे व्यक्तियों का लिंगवार अनुपात, जिनके पास मोबाइल है, ऐसे परिवारों का प्रशिक्षण, जिनके पास कंप्यूटर है. पिछले 3 महीनों/ पिछले 365 दिनों के दौरान इंटरनेट का प्रयोग करने वाले व्यक्तियों का प्रतिशत, ऐसी आबादी का अनुपात जिसकी सार्वजनिक परिवहन तक सुविधाजनक पहुंच है, पिछले 365 दिनों के दौरान अस्पताल में भर्ती होने पर जेब से चिकित्सा व्यय, ऐसी महिलाओं का प्रतिशत जिनके किसी औपचारिक वितीय संस्था में खाते हैं, स्कूली शिक्षा का औसत वर्ष इत्यादि. उन्होंने बताया कि यह कार्य सूचना प्रणाली सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा. आंकड़े सीधे टेबलेट पर एकत्रित किए जाएंगे. इसलिए अधिकारियों को फील्ड ऑपरेशन के दौरान काफी सजग रहने की आवश्यकता है. सर्वेक्षण अंडमान और निकोबार के दुर्गम इलाकों को छोड़कर संपूर्ण भारत में किया जाएगा. यह सर्वेक्षण देश के सतत् विकास के लक्ष्य को पूर्ण करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान होगा. उन्होंने झारखंडवासियों से आग्रह किया है कि सर्वेक्षण कार्य से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों का पूर्ण सहयोग करें.

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