गालूडीह: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जमशेदपुर को 10 बड़ी सड़क परियोजनाओं की सौगात दी. केंद्रीय मंत्री ने गुरुवार को जमशेदपुर में 3843 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली 220 किलोमीटर की 10 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करने जमशेदपुर पहुंचे थे. इधर टोल प्लाजा मामले में पुतरु के जमीन रैयतदार जमशेदपुर पहुंचे. ग्रामीणों द्वारा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को आवेदन पत्र सौंपा गया. ग्रामीणों ने आवेदन पत्र में लिखा है कि घाटशिला अंतर्गत आने वाले पुतुरु गांव से आते हैं पिछले 2 वर्षों से हम लोगों के गांव के 400 से 500 अति गरीब आदिवासी परिवार एनएचएआईके द्वारा लगाए गए पुतुरु टोल प्लाजा से काफी परेशान और तनाव से ग्रसित है जिसका कारण एनएचएआई विभाग के द्वारा गलत तरीके से बनाया गया टोल और गलत तरीके से किया गया अधिग्रहण है. इसके पहले भी हम लोगों ने आपको कई बार पत्रों के माध्यम से अपनी समस्या से अवगत करवाया है.(नीचे भी पढ़े)
साथ-साथ हमारे विधायक रामदास सोरेन ने भी आपको पत्र के माध्यम से हम लोगों की समस्या से आप को अवगत कराया है. जिसका आज तक आपके तरफ से या विभाग के तरफ से कोई भी उत्तर नहीं दिया गया. जिसके कारण हम लोग बहुत चिंतित है. इसकी जानकारी पत्र के माध्यम से हम लोगों ने सांसद विद्युत वरण महतो को भी कई बार अवगत कराया है. उन्होंने भी इस मामले में आज तक कोई संज्ञान नहीं लिया है. हम लोग बताना चाहते हैं कि हम लोगों के साथ बहुत ही अन्याय हुआ है हमारे गांव में टोल प्लाजा के नाम से 21 एकड़ जमीन अधिकृत कर ली गई है .वह भी मात्र 6000 रुपए प्रति डिसमिल अभी हमारे वहां की जमीन की बाजार मूल्य 500000 रुपए प्रति डिसमिल चल रही है और वही जमीन हम लोगों का रोजी रोटी का भी मात्र साधन था. (नीचे भी पढ़े)
हमारी जिंदगी उसी जमीन से जुड़ी हुई थी, जिसमें पिछले 2 वर्षों से हम लोग कुछ नहीं कर पा रहे हैं और भूखे मरने की नौबत आ गई है. हम लोगों ने भू अर्जन द्वारा भू दिया जा रहा मुआवजा का बहिष्कार भी किया है. इसका कारण यह है कि हम लोगों को एक उचित मूल्य की आवश्यकता है जिससे कि हम लोग आने वाले दिन में उस पैसे से अपने परिवार का भरण पोषण कर सके. जिसके लिए हम लोगों ने जमशेदपुर एडीसी कोर्ट में आर्बिट्रेशन भी करवाया है. इसके बावजूद हम लोगों का मुआवजा में सिर्फ 1000 की बढ़ोतरी हुई है जो मुआवजा पहले प्रति डिसमिल 6000 रुपए था उसे बढ़ाकर सिर्फ 7000 कर दिया गया है. हम ग्रामीण यह कहना चाहते हैं कि आज के समय में 6000 रू0 प्रति डिसमिल वह भी रोड के किनारे की जमीन का हो सकता है क्या? जब हमारी जमीन हमेशा के लिए जा रही हैं तो हमें भी उचित मुआवजा लेने का हक है की नहीं ? जिससे कि हम लोग अपना आगे के जिंदगी अच्छे से गुजार पायेंगे. हमारी मुआवजा राशि को तत्काल बढ़ाने पर विचार किया जाए. हालांकि सांसद ने शाम को पुतरु मामले में संज्ञान लिया. ग्रामीणों को फोन कर कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी वार्ता के लिए कुछ ग्रामीण दिल्ली आये.