जमशेदपुर : लॉकडाउन के दौरान अलग-अलग जगहों पर अनेक लोग फसें हुए है. लेकिन जमशेदपुर के डीसी ने असम से 21 स्कूली बच्चों को लाने के लिए दो शिक्षकों को असम भेजा था. वहां असम सरकार ने उनको भी क्वारंटाइन पर भेज दिया है. असम से बच्चों को लाने के लिए गये शिक्षकों को ही अब छुड़ाना मुश्किल हो चुका है. इसमें एक ताजा मामले में भाजपा के पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने ट्वीट करते हुए जानकारी दिया है कि पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त के आदेशानुसार असम के गोलपाड़ा में फॅसे 21 बच्चो के साथ एक बस और 2 एस्कॉर्ट शिक्षकों को गोआलपारा, असम में भेजा गया है, ताकि लॉकडाउन के कारण वहां फंसे पूर्वी सिंहभूम के 21 बच्चों को लाया जा सके जबकि उन्हें गुवाहाटी में क्वारंटाइन कर दिया गया है.
असम सरकार से अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा है कि इस मामले में कुछ करने की कृपा करें. हालांकि इस मामले में असम सरकार ने फुर्ती दिखते हुए क्वारंटाइन सेंटर में फसें शिक्षकों से बात की है और उन्हें छोड़ने की बात भी कही है, जिसके बाद अधिकारियों ने बस को रिहा करने के लिए कहा ताकि पूर्वी सिंहभूम के बच्चों को उसी बस और एस्कॉर्ट टीचर्स द्वारा आसानी से लाया जा सके.
कुणाल षाड़ंगी की ओर से जयदीप आईच द्वारा जारी प्रेस रिलीज
बहरागोड़ा के पूर्व विधायक और भाजपा के युवा नेता कुणाल षाड़ंगी की ट्विटर पर सक्रियता जमशेदपुर और आस पास के लोगों के लिए मददगार साबित हो रही है। लॉकडाउन में दूसरे राज्यों और जिलों में फंसे नागरिकों तक मदद पहुंचाने से लेकर उन्हें वापस गृह ज़िला लाने तक की कवायदों को लेकर युवा नेता कुणाल षाड़ंगी चर्चाओं में हैं। ताज़ा मामला है जब बहरागोड़ा स्थित पूर्वी सिंहभूम जिले की एकमात्र जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्रों और शिक्षकों तक पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी की पहल से मदद पहुंचीं है। आसाम राज्य के गुवाहाटी जिले में फंसे जवाहर नवोदय विद्यालय के 21 छात्र और 2 मार्गरक्षी शिक्षक अब वापस जमशेदपुर लौट सकेंगे।
विदित हो कि लॉकडाउन से पूर्व एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत आसाम के गोलपुर स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के 21 छात्र और 2 शिक्षक बहरागोड़ा आये थें। वहीं पूर्वी सिंहभूम के बहरागोड़ा स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के 21 छात्र और 2 मार्गरक्षी शिक्षक आसाम से गोलपुर स्थित नवोदय विद्यालय गये थें। लॉकडाउन के कारण सभी छात्र और शिक्षक दूसरे राज्य में फँस गये थें। चार दिन पूर्व पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन (झारखंड) और गोलपुर जिला प्रशासन (आसाम) के बीच बनी सहमति के बाद बहरागोड़ा से 21 छात्रों और 2 शिक्षकों के एक बस को आसाम के लिए रवाना किया गया। सहमति के अनुसार इसी बस से आसाम में फंसे बहरागोड़ा के जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्रों को वापस लाया जाना था। इसके लिए दोनों ही राज्यों के जिला प्रशासन द्वारा पत्र जारी किये गये थें। किंतु बुधवार को आसाम के गोलपुर से बच्चों को लेकर जमशेदपुर लौट रही बस को गुवाहाटी प्रशासन ने रोक दिया। इसके बाद सभी 21 स्कूली बच्चों और 2 मार्गरक्षी शिक्षकों को पकड़कर चौदह दिनों के लिए गुवाहाटी में क़वारेंटीन सेंटर भेज दिया गया। मामले की जानकारी बहरागोड़ा के जवाहर नवोदय स्कूल के बच्चों के अभिभावकों और अन्य शिक्षकों को मिली। मामले के संज्ञान में आने के बाद पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने तत्परता दिखाई। कुणाल षाड़ंगी ने गुरुवार सुबह ट्वीट करते हुए इस मामले में आसाम के मुख्यमंत्री कार्यालय और आसाम पुलिस को मामले में सहयोग करने और गुवाहाटी के क्वारेन्टीन सेंटर में रखे गए पूर्वी सिंहभूम के स्कूली बच्चों को वापस लौटाने का आग्रह किया। आसाम सरकार ने युवा भाजपा नेता कुणाल षाड़ंगी की ट्वीट पर संज्ञान लिया तथा आसाम पुलिस ने भी इस मामले में उचित आदेश जारी किये। गुरुवार की दोपहर में आसाम सरकार के मंत्री ने भी गुवाहाटी में क्वारेन्टीन सेंटर पहुँचकर बहरागोड़ा के बच्चों और शिक्षकों से मुलाकात किया और गुवाहाटी जिला प्रशासन को तुरंत पुलिस एस्कॉर्ट सहित बस को जमशेदपुर के लिए रवाना करने का आदेश दिया। देर शाम को थर्मल स्कैनिंग के बाद सभी बच्चों और मार्गरक्षी शिक्षकों को बस द्वारा जमशेदपुर के लिए रवाना किया गया है।
इधर फँसे बच्चों के अभिभावकों ने पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी के प्रति आभार जताया है। इसपर प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए भाजपा के युवा नेता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि क्षेत्र के बच्चों के गुवाहाटी में फँसे होने की सूचना मिलने पर मैं ख़ुद को रोक नहीं पाया। फ़ौरन सोशल मीडिया के माध्यम से आसाम सरकार से मदद के लिए आग्रह किया। पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने आसाम सरकार के मंत्री और आसाम पुलिस और गुवाहाटी प्रशासन के प्रति मदद के लिए आभार व्यक्त किया।