देवघर: केन्द्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री, हरदीप सिंह पुरी (स्वतंत्र प्रभार) ने देवघर निर्माणाधीन एयरपोर्ट का निरीक्षण किया. इसके बाद हवाई अड्डा परिसर मे पौधरोपण किया. साथ हीं निरीक्षण के क्रम में उन्होंने टर्मिनल भवन, एटीसी टावर, फायर स्टेशन, पावर स्टेशन, एयरपोर्ट स्टेशन के चहारदिवारी के पूर्ण हो चुके कार्यों का जायजा लिया गया. इसके अलावे हवाई अड्डा परिसर में बिजली, पानी, संचार सेवा, पुलिस पोस्ट, ड्रेनेज सिस्टम एवं अन्य सुविधाओं को लेकर एयरपोर्ट ऑथोरिटी के अधिकारियों को आवश्यक व उचित दिशा-निर्देश दिया. श्री पुरी ने कहा कि बाबा की नगरी देवघर में हर साल करोड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं. पर्यटन और आध्यात्म के दृष्टिकोण से यह स्थान काफी महत्वपूर्ण है. अभी तक यहां आने के लिए रेल मार्ग और सड़क मार्ग ही एक मात्र विकल्प हुआ करता था. कोरोना के कारण कार्य में थोड़ा विलंब हुआ है लेकिन नवंबर के प्रथम सप्ताह से देवघर से हवाई सेवाएं शुरू हो जायेंगी. इसको लेकर जल्द हीं दिल्ली में संबंधित विभाग व सचिव स्तर की बैठक कर विमानों के परिचालन एवं उड़ान शुरू होने की तिथि घोषणा कर दी जायेगी. साथ हीं उन्होंने बताया कि हवाई अड्डे के आस-पास रोजगार व व्यवसाय को बढ़ाने के उद्देश्य से एयरपोर्ट परिसर के समीप राज्य सरकार एवं एयरपोर्ट ऑथोरिटी के ज्वाइंट वेंचर से हवाई अड्डा के समीप एयरोसिटी बनाने के कार्य को किया जायेगा. इसको लेकर पूर्व में प्रस्ताव एयरोसिटी को लेकर बनाया गया था, जिसको लेकर एयरपोर्ट ऑथोरिटी के अध्यक्ष को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है. इस दौरान हरदीप सिंह पुरी ने जमशेदपुर एयरपोर्ट को लेकर पूछे गये सवाल पर कहा कि अभी इंतजार करना होगा. उसकी जितनी तकनीकी दिक्कतें थी, उसको दूर कर दिया जायेगा. इससे पूर्व मंत्री हरदीप सिंह पुरी का सांसद निशिकांत दूबे, उपायुक्त कमलेश्वर प्रसाद सिंह, एसपी पीयूष पांडे समेत जिले के आला अधिकारियों ने उनका बुके देकर स्वागत किया.
देवघर एयरपोर्ट एक नजर में:
देवघर एयरपोर्ट 657 एकड़ भूमि में फैला होगा और इसका टर्मिनल भवन 5130 स्क्वेयर मीटर क्षेत्र में बनाया जा रहा है. 2500 मीटर लंबे रनवे के साथ ये एयरपोर्ट एयरबस 320 आदि विमानों के ऑपरेशन के लिए बिल्कुल उपयुक्त रहेगा. टर्मिनल बिल्डिंग में छह चेक-इन काउंटर होंगे, एक आगमन प्वाइंट और भीड़भाड़ की स्थिति में 200 यात्रियों को संभालने की क्षमता होगी. एयरपोर्ट का डिजाइन पर्यावरण के अनुकूल और अत्याधुनिक यात्री सुविधाओं से लैस होगा. टर्मिनल बिल्डिंग का डिजाइन बाबा बैद्यनाथ मंदिर के शिखर से प्रेरित होगा. एयरपोर्ट के अंदर स्थानीय आदिवासी कला, हस्तशिल्प और स्थानीय पर्यटन स्थलों की तस्वीरें दिखाई जाएंगी, जो इस क्षेत्र की संस्कृति को दर्शाती हैं.