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jharkhand-corona-virus-sunday-update-झारखंड में कुल 196 की कोरोना वायरस की हुई जांच, 190 नेगेटिव, 6 की रिपोर्ट का इंतजार, जमशेदपुर में 14 की हुई जांच, एमजीएम अस्पताल के कोरोना वार्ड की कटी बिजली, तीन को वार्ड से छुट्टी, दो अब भी इलाजरत, एक मरीज अपनी पत्नी की डर से घर जाने को तैयार नहीं

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जमशेदपुर : झारखंड में कोरोना वायरस को लेकर चल रही जांच के तहत झारखंड में रविवार को कुल 179 सैंपल की जांच की गयी, जिसमें सारे रिपोर्ट नेगेटिव आये. इस तरह झारखंड में अब तक कुल 196 केस की जांच की गयी है, जिसमें 190 का रिपोर्ट नेगेटिव आया है और 6 सैंपल की रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है. दूसरी ओर, जमशेदपुर और आसपास के क्षेत्रों से रविवार को कोरोना के कुल 14 संदिग्ध मरीज मिले हैं, जिसकी जांच की गयी, जिसमें से पांच संदिग्ध मरीजों के सैंपल की जांच की रिपोर्ट आयी और सारे नेगेटिव पाया गया यानी किसी में कोरोना वायरस नहीं पाया गया है. 9 संदिग्ध मरीजों की जांच रिपोर्ट सोमवार की शाम तक आयेगी. इस तरह जमशेदपुर में कुल संदिग्ध मरीजों की संख्या 91 हो गयी है, जो पहले 77 संदिग्ध थी, लेकिन सभी में नेगेटिव ही रिपोर्ट आयी है. हालांकि रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी मरीजों को अगले 14 दिनों तक होम क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी गयी है. जुगसलाई, सिदगोड़ा और सोनारी समेत अन्य इलाकों में अब भी लोगों को क्वारंटाइन में रखा गया है. सिदगोड़ा में एक एयर होस्टेस को भी क्वारंटाइन में रखा गया है.

जुगसलाई में लोगों द्वारा किया गया लॉक डाउन.

एमजीएम अस्पताल में तीन को मिली छुट्टी, दो आइसोलेशन वार्ड में, कोरोना वार्ड में बिजली कटने से अफरा-तफरी, पत्नी के डर से घर नहीं जा रहा ठीक मरीज
कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम अस्पताल में पूरे राज्य में जांच सेंटर बनाया गया है. यहां कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की इलाज के लिए रखा गया है. इसमें पांच का इलाज चल रहा था, जिसमें से तीन लोगों को छुट्टी दी गयी है, जिसमें जुगसलाई, घाटशिला और मानगो के मरीज थे, जिसमें से दो का अब तक इलाज चल रहा है. दूसरी ओर, एमजीएम अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भरती एक मरीज की नेगेटिव आ चुकी है, लेकिन वह घर नहीं जा रहा है. बताया जाता है कि उसको घर में क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी गयी है, लेकिन वह अपनी पत्नी से ही इतना पीड़ित है कि वह घर जाने को तैयार नहीं है और अपील कर रहा है कि उसको 14 दिन तक अस्पताल में ही क्वारंटाइन में रख दिया जाये. उस मरीज ने साफ तौर पर अस्पताल प्रबंधन को कहा है कि अगर वह ऐसी स्थिति में अस्पताल से घर गया तो वह खाने के बिना मर जायेगा और उसकी पत्नी खाना तक नहीं देगी. ऐसे में वह खुद मर जायेगा. इस पर उसको वार्ड में रहने को कहा गया है जबकि दूसरा मरीज बंगाल का है और वह बंगाल नहीं जा सकता है, इस कारण उसको छुट्टी नहीं दी गयी है. दूसरी ओर, शनिवार की रात को एमजीएम अस्पताल के कोरोना वायरस के मरीजों के लिए बनायी गयी आइसोलेशन वार्ड और ब्लड बैंक में बिजली ही कट गयी. बिजली मिस्त्री घर पर था, जिस कारण अफरा-तफरी मच गयी. करीब एक घंटे के जद्दोजहद के बाद फिर से बिजली को ठीक किया गया.

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