चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिले में ग्रामीण विकास अभिकरण के द्वारा संचालित “प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना” के तहत् 50% से अधिक अनुसूचित जाति जनसंख्या वाले चुनिंदा गांव का एकीकृत विकास सुनिश्चित करते हुए तथा सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए आवश्यक सभी अपेक्षित अवसंरचना की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। क्षेत्र में आवश्यक संरचना यथा पेयजल एवं स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, सामाजिका सुरक्षा, ग्रामीण सड़कें और आवास, विद्युत एवं स्वच्छ ईंधन, कृषि, वित्तीय समावेशन, की व्यवस्था होगी। जीवन यापन और कौशल विकास की व्यवस्था करने के लिए ज़िले में चक्रधरपुर प्रखंड के इटिहासा, अजोध्या, चेलाबेड़ा, जारकीसिमलाबाद, जगन्नाथपुर प्रखंड के दलपोसी तथा टोंटो प्रखंड के सनझींकपानी गांव का चयन किया गया है।
संपूर्ण तालाबंदी के पूर्व योजना पर पहल करते हुए ग्रामीण विकास अभिकरण के द्वारा उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन की अध्यक्षता में आहूत बैठक के दौरान कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए थे। जिसमें जिला एवं ग्राम स्तर पर अभिसरण समिति का गठन करते हुए सभी गांव में सर्वे का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है तथा सर्वे से संबंधित सभी ऑनलाइन इंट्री भी सुनिश्चित की गई है। योजना के कार्यों को पुनः गति प्रदान करने के उद्देश्य से आगामी 24 जून को समाहरणालय में संबंधित पदाधिकारियों / कर्मियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया है।
इस संबंध में उप विकास आयुक्त ने बताया कि “प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम” सरकार की एक ऐसी संकल्पना है, जिसमें लोगों को विभिन्न बुनियादी सेवाएं देने की परिकल्पना की गई है ताकि समाज के सभी वर्गों के न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति हो और असमानताएं कम से कम रहें। इन गांव में वह सब अवसंरचना होंगी और इसके निवासियों को ऐसी सभी बुनियादी सेवाओं की सुविधा मिलेगी जो एक सम्मानजनक जीवन जीने के लिए आवश्यक हैं, ताकि प्रत्येक व्यक्ति को एक ऐसा वातावरण मिल सके जिससे वह अपनी संभाव्यताओं का पूरा उपयोग कर सकें।