नयी दिल्ली : 3 जून को पूरी दुनिया में विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है. आधिकारिक तौर पर 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से इसकी शुरुआत की गई थी. 3 जून 2018 को न्यूयॉर्क में पहली बार साइकिल दिवस मनाया गया. इस आयोजन में संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों, एथलीटों समेत कई लोगों ने हिस्सा लिया था. साइकिल दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य को लेकर जागरुकता फैलाना और बीमारियों के खतरे को कम करना है. (नीचे भी पढ़ें)
कुछ रिपोट्स में दावा किया गया है कि नियमित रुप से साइकिल चलाने वाले दूसरों की तुलना में स्वस्थ और तंदुरुस्त रहते है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार साइकिल दिवस मनाने के पीछे दुनियाभर के देशों को विभिन्न विकास रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करने और अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय विकास नीतियों और कार्यक्रमों में साइकिल को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करना है. साथ ही लोगों के बीच में साइकिल के प्रचलन को बढ़ाना और इसके फायदों की जानकारी देना शामिल है. ताकि लोग साइकिलिंग को अपने जीवन का हिस्सा बना सकें. साइकिल चलाने से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है. (नीचे भी पढ़ें)
साइकिलिंग करने से मोटापा, हृदय रोग, मधुमेह, गठिया, और मानसिक बीमारी का खतरा कम होता है. वैज्ञानिकों की एक टीम ने अपने रिसर्च में पाया की जो लोग साइकिल चलाकर ऑफिस जाते हैं, उनमें कैंसर का खतरा 45 प्रतिशत तक कम हो जाता है. साथ ही इससे हम बाइक और गाड़ी से होने वाले पर्यावरण नुकसान को कम कर सकते है. विश्व के ऐसे कई देश है जहां साइकिलिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रोत्साहन देती है. यूरोपीयन देश नीदरलैंड में रोजाना 10 किलोमीटर साइकिल चलाने पर सरकार साल भर में 480 यूरो यानी भारतीय रुपए में करीब 41 हजार 916 रुपये सरकार देती हैं. इटली में भी साइकिल से ऑफिस जाने वालों को महीने के लगभग 25 यूरो मिलते हैं.