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Bahragoda विधानसभा क्षेत्र में 1985 से झामुमो का सफर: अब कौन उठाएगा गुरुजी का धनुष-बाण?

राजन सिंह

Bahragoda : बहरागोड़ा के झामुमो विधायक कुणाल षाड़ंगी अपने समर्थकों के साथ बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए. ऐसे में अब एक यक्ष प्रश्न खड़ा है कि बहरागोड़ा क्षेत्र में विधानसभा चुनाव 2019 में दिशोम गुरु शिबू सोरेन का धनुष – बाण कौन उठाएगा? इसको लेकर क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गरमा गया है और कई नाम सामने आने लगे हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में झामुमो ने 1985 से उम्मीदवार उतारना शुरू किया था. 1985 में चाकुलिया के ज्ञानरंजन महत्व पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था. ज्ञान रंजन महतो को 3000 से कुछ अधिक मत मिले थे. 1990 में झामुमो ने रतीलाल महतो को अपना उम्मीदवार बनाया था. रतीलाल महतो को लगभग 17000 मत मिले थे। 1995 में झामुमो ने हरिशंकर महतो को उम्मीदवार बनाया. हरि शंकर महतो को 29000 मत मिले थे और वह दूसरे स्थान पर थे. वर्ष 2000 और 2004 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने विद्युत वरण महतो को अपना उम्मीदवार बनाया. परंतु दोनों बार वे भाजपा के उम्मीदवार डॉक्टर दिनेश षाड़ंगी ने उन्हें पराजित कर दिया. 2009 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने विद्युत वरण महतो को ही अपना उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव में विद्युत वरण महतो ने भाजपा उम्मीदवार डॉ दिनेश षाड़ंगी को 17000 मतों से पराजित कर दिया. लोकसभा चुनाव 2014 के पूर्व विद्युत वरण महतो भाजपा में शामिल हो गए. भाजपा उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा और सांसद बन गए. इसी दौरान कुणाल षाड़ंगी ने झामुमो का दामन थामा. विधानसभा चुनाव 2014 में कुणाल ने भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर दिनेशानंद गोस्वामी को 15000 मतों से पराजित किया. अब कुणाल षाड़ंगी भी विद्युत वरण महतो की तरह ही भाजपा में शामिल हो गए. इससे झामुमो को झटका लगा और एक योग्य उम्मीदवार को लेकर मंथन शुरू हो गया. अब देखना यह है कि झामुमो गुरुजी के धनुष – बाण को उठाने के लिए किस महारथी को जिम्मेवारी सौंपता है?

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