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jamshedpur-rural-bjp-भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश जी, थोड़ा ध्यान दीजिये, आपकी पार्टी का ग्रामीण इलाके का कार्यकर्ता का दर्द सुनिये, चुनाव प्रभारी बबलू प्रसाद ने कहा-बिहारी और आरोपी कहकर विरोध करने वाले पार्टी के लोगों के साथ चलने से अच्छा है पार्टी छोड़ देना, जानिये क्या है दर्द

बबलू प्रसाद.

घाटशिला: भाजपा पूर्वी सिंहभूम जिला कमिटी की घोषणा में पार्टी विरोधी काम करने वालो को सम्मान दिये जाने से व्यथित भाजपा के प्रदेश कार्यकारीणी सदस्य सह घाटशिला चुनाव प्रभारी बबलू प्रसाद ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि वे पार्टी के सच्चे सिपाही के रूप में प्रारंभ से काम करते रहे, हर अभियान को सफल बनाने में पूरे मनोयोग से सहयोग करते रहे और जब जिलाध्यक्ष का पद के प्रबल दावेदार थे. दो बढ़िया नेता जो कि विधानसभा के दावेदार थे यह कहते हुए प्रदेश अध्यक्ष के घर डेरा डाल दिया कि बबलू प्रसाद बिहारी है, बाहरी है, उस पर कई आपराधिक मामले हैं. जबकि उन्हे यह पता होना चाहिए कि झारखंड पहले बिहार का ही हिस्सा था और वे प्रारंभ से ही इसी क्षेत्र में रह रहे हैं. उन्होने कहा कि उन्हे न्यायालय से दोषमुक्त कर दिया है. श्री प्रसाद ने बताया कि जिलाध्यक्ष से लेकर मंडल अध्यक्ष में वैसे लोगों को स्थान दिया गया है जो पिछले चुनाव में खूलेआम पार्टी प्रत्याशी का विरोध किया था. इसकी शिकायत जिलाध्यक्ष के द्वारा प्रदेश संगठन मंत्री को किया गया था. उसके बाद भी उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के बदले उन्हे पद देकर सम्मान किया जाना यह पार्टी का दिवालिया होने का निशान है. उन्होने यह भी कहा कि यदि विरोध करने से पद मिलता है तो पार्टी विरोधी काम ही करना बेहतर है. ऐसे पार्टी में रहने से अच्छा है पार्टी से त्यागपत्र दे देना. श्री प्रसाद ने कहा कि इस निर्णय से पार्टी के कई समर्पित कार्यकर्ता व्यथित हैं और शीघ्र ही वे आपस में बैठकर आगे की रणनीति तय करेंगे, हो सकता है कि पार्टी से त्यागपत्र दे दें या कोई सामानांतर कमिटि का गठन किया जाये.

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