रांची : झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 18 सितंबर से प्रारंभ होगा. इसके पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने मानसून सत्र की तैयारियों से संबंधित मंगलवार को अपने रांची के विधानसभा भवन स्थित कार्यालय कक्ष में सर्वदलीय बैठक की. इस बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रतिनिधि के तौर पर मंत्री मिथलेश ठाकुर, राजद के मंत्री सत्यानंद भोक्ता के अलावा जमशेदपुर पूर्वी के विधायक और पूर्व मंत्री सरयू राय, भाकपा के विधायक बिनोद सिंह समेत अन्य लोग शामिल हुए. भाजपा ने इस सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया. इस बैठक के दौरान विधायकों से मानसून सत्र की तैयारियों से संबंधित सुझाव लिये गये. विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने कहा कि विधानसभा सत्र शुरु होने से पूर्व सभी की कोविड- 19 की जांच होगी. इससे पूर्व संसद का मानसून सत्र भी 14 सितंबर से शुरु हुआ, जिसमें सांसदों की भी जांच की गयी. इसके बाद ही संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ. ठीक उसी तरह विधानसभा का मानसून सत्र शुरु होगा.
इसके लिए सभी विधायकों को कोवि़ड-19 के सरकारी गाइडलाइन का पालन करना होगा. सभी को मास्क के साथ रहना होगा. तीन दिनों का ही यह सत्र होगा. मानसून सत्र को लेकर विपक्ष खासकर भाजपा के तेवर कड़े है, वहीं सत्ता पक्ष भी शांत तेवर के साथ विपक्ष को उन्हीं के उठाए मुद्दों में उलझाने की रणनीति पर मंथन कर रहा है. झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल-2020 को मानसून सत्र के दौरान पारित कराने की सरकार की कोशिश होगी, जबकि लैंड म्यूटेशन एक्ट को लेकर भाजपा हमलावर दिख रही है. इसके अलावा आदिवासी हितों को लेकर सत्ता व विपक्ष हमेशा की तरह आमने-सामने होंगे. लॉ एंड ऑर्डर और कोराना वायरस के संक्रमण काल के दौरान सामने आई विसंगतियों को विपक्ष मुद्दा बनाएगा, तो सत्ता पक्ष केंद्र से जीएसटी व अन्य मदों में समय से न मिलने वाली राशि को ले विपक्ष पर हमलावर होगा. ओबीसी के आरक्षण को बढ़ाने के मसले पर भी सरकार से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा. भाजपा विपक्ष के नेता के तौर पर बाबूलाल मरांडी को बनाये जाने को लेकर भी हमलावर हो सकती है. वैसे भाजपा ने इस बैठक का बहिष्कार कर अपनी मंशा को साफ कर दिया है और यह भी जगजाहिर हो चुका है कि यह बैठक हंगामेदार होगा. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा में सारे मसले पर चर्चा होगी और लोगों की बातों को सुनकर इसका निवारण किया जायेगा. किसी तरह का कोई विवाद की स्थिति नहीं है.