जमशेदपुर : टाटा स्टील में दोपहिया वाहनों की इंट्री का मुद्दा उठाया गया. इस दौरान एक कर्मचारी ने सवाल उठाया कि प्लांट के अंदर दोपहिया व भारी वाहनों के परिचालन के लिए अलग-अलग समय निर्धारित है। किसी आपात स्थिति में प्लांट से बाहर निकलने में कर्मचारियों को परेशानी होती है. यह सवाल एमडी ऑनलाइन में उठाया गया. इस दौरान अपना जवाब देते हुए एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि विश्व के किसी भी स्टील प्लांट के अंदर दोपहिया वाहनों का परिचालन नहीं होता है. टाटा स्टील का जमशेदपुर प्लांट एक मात्र ऐसी कंपनी है, जहां इस तरह की व्यवस्था है कि गाड़ियां आती और जाती है. शून्य दुर्घटना के लक्ष्य को हासिल करने के लिए ही प्लांट के अंदर दोपहिया व भारी वाहनों के परिचालन के लिए अलग-अलग समय तय किए गए हैं. किसी कर्मचारी को अगर आपात स्थिति उत्पन्न होती है और उन्हें प्लांट से बाहर निकलना है तो इसके लिए पहल की जाएगी. हम प्लांट के अंदर से सुरक्षित बाहर निकलने के लिए अलग एक रास्ता बनाने पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने कर्मचारियों और कमेटी मेंबरों से अपील की है कि वए लोग यह सुझाव दें कि कहां पर सुधार किया जा सकता है ताकि किसी तरह की कोई दुर्घटना नहीं घट सके. टाटा स्टील के मासिक कार्यक्रम एमडी ऑनलाइन के दौरान कलिंगानगर प्लांट में चार गुणा महंगा कैंटीन का खाना देने का सवाल उठाया गया. यह सवाल राजभर ने उठाया. इस पर एमडी ने केपीओ के वाइस प्रेसिडेंट (आपरेशन) राजीव कुमार से इस दिशा में पहल करते हुए समाधान निकालने को कहा. उन्होंने कहा कि नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड के अधिग्रहण के बाद मंगलवार को तैयार नए ब्लास्ट फर्नेस को प्रज्वलित किया जाएगा. वहीं, एक कर्मचारी ने कहा कि क्रेन ग्रुप के लिए ली जाने वाली परीक्षा में अंग्रेजी में पूछे जाने वाले सवाल काफी कठिन होते हैं, अच्छा हो कि इसे हिंदी में पूछे जाएं.