जमशेदपुर : जमशेदपुर के ग्रामीण इलाके घाटशिला मंडल कारा परिसर में मंगलवार सुबह प्रिया सिंह उर्फ चटनी डॉन और श्वेता दास ने घाटशिला मंडल कारा से वापस घाघीडीह से सेंट्रल जेल शिफ्ट नही करने पर खुद को नुकसान पहुंचाया है. श्वेता दास ने ब्लेड से खुद का गला काट लिया वहीं चटनी डॉन ने कांच खाने का प्रयास किया. जेल प्रशासन को पता चलने पर दोनो को आनन फानन में इलाज के लिए घाटशिला अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया जहां से दोनो को एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया. एमजीएम अस्पताल में श्वेता दास का इलाज किया गया जिसके बाद उसे कैदी वार्ड में रखा गया है. (नीचे पूरी खबर पढ़े)
दोनो ने आरोप लगाया है कि घाटशिला कारा में उनसे जेल शिफ्टिंग के लिए 45 हजार रूपए लिए गए. इसके बाद भी उन्हे शिफ्ट नही किया गया. उन्होंने आरोप लगाया है कि जेल में उन्हे कोई सुविधा नहीं दी जाती है वहीं जब जेल अधीक्षक से इस बात की शिकायत की जाती है तो उनके द्वारा दूसरे जिला शिफ्ट करने की धमकी दी जाती है. प्रिया सिंह ने बताया कि 16 मई को 6 लोगों को घाघीडीह से घाटशिला यह कहकर शिफ्ट किया गया था कि 45 दिन में वापस घाघीडीह भेज दिया जायेगा पर दो माह पार होने के बाद भी उन्हे शिफ्ट नही किया गया. वे लोग इसके लिए अनशन पर भी थे. घाटशिला जेलर ने उनसे जेल शिफ्टिंग के लिए 45 हजार रूपए लिए थे बाद में उनका ट्रांसफर हो गया था. आज जब जेल प्रशासन ने उन्हें शिफ्ट नही किया तो उन लोगो ने ऐसा कदम उठाया. इधर जेल अधीक्षक नरेंद्र सिंह ने बताया कि दोनो द्वारा लगाए जा रहे आरोप गलत है. जेल शिफ्टिंग गृह एवं कारा विभाग की एक प्रक्रिया है. इसके तहत छह लोगों को शिफ्ट किया गया था. दोनो घाटशिला जेल में महिला कैदियों के साथ मारपीट करती थी, वहीं महिला पुलिसकर्मियों को भी परेशान करती थी. दोनो वापस घाघीडीह शिफ्ट होना चाहती है जिस कारण दोनो ने ऐसा कदम उठाया है.