जमशेदपुर : जमशेदपुर पुलिस ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 11 मुसलिम धर्मगुरुओं को जेल भेज दिया है. झारखंड के ही बुंडू की एक मसजिद से इन लोगों को पिछले दिनों पकड़ा गया था. ये सारे मुसलिम धर्मगुरु कजाकिस्तान और तुर्की के रहने वाले है, जिनको मसजिद से पकड़ा गया था. करीब 25 दिनों तक उनको जमशेदपुर से कुछ दूरी पर स्थित मुसाबनी स्थित सेंटर में क्वारंटाइन में रखा गया था. हालांकि उनका कोरोना वायरस का टेस्ट किया गया था, लेकिन उसमें सारी रिपोर्ट नेगेटिव आयी है. लेकिन उनके खिलाफ विजा की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप है. उन लोगों का विजा भारत का था, जिसमें उनको टूरिस्ट विजा दिया गया था. लेकिन वे टूरिस्ट के बजाय धर्मगुरु बनकर भारत में मुसलिम धर्म का प्रचार कर रहे थे.
बताया जाता है कि इन ग्यारह लोगों को जेल भेजने के पहले की गयी पूछताछ में यह बातें सामने आयी है कि इन लोगों ने झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिला अंतर्गत पड़ने वाले कपाली क्षेत्र में भी तबलीगी जमात के आदेश पर बड़ी सभा भी करायी थी, जो लॉकडाउन के दौरान ही करायी गयी थी. इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान ही वे लोग कपाली से फिर से झारखंड के बुंडू पहुंच गये थे. आपको बता दें कि कपाली का क्षेत्र जमशेदपुर के मानगो और आजादनगर थानाक्षेत्र से सटा हुआ इलाका है और सीमावर्ती इलाका है. यहां भी इन सारे धर्मगुरुओं ने धार्मिक आयोजन में शिरकत की थी. उनके खिलाफ विजा की शर्तों का उल्लंघन करने और लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है. उनके खिलाफ सात अप्रैल को ही एक मुकदमा दायर किया गया था, जिसमें उनके खिलाफ भादवि की धारा 188/269/270 और 14 बी विदेशी अधिनियम 1946 के तहत आरोप लगाये गये है. आरोपियं में तुर्की और कजाकिस्तान के रहने वाले गुलुमुद्दीन, मिमयाली, येदेही, मामायली, जाकीर, इलियास, साकिर, इमाइल, रुस्तम, इस्लाम बेग, झाबेग, रुस्तम शामिल है. बताया जाता है कि वे लोग लगातार झारखंड में मुसलिम समाज को एकजुट करने का प्रयास कर रहे थे और तबलीगी जमात के लिए भी वे लोग काम कर रहे थे. वे लोग बुंडू के मसजिद में छिपे हुए थे, जिनको बुंडू पुलिस ने गिरफ्तार किया था और बाद में उसको मुसाबनी प्रखंड के स्वासपुर एरिया स्थित पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में क्वारंटाइन किया गया था.