जमशेदपुर : जमशेदपुर की उभरती युवा कवयित्री अंकिता सिन्हा को दिल्ली में साहित्यिक सांस्कृतिक शोध संस्था, मुंबई द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय सम्मेलन में शनिवार को पूर्व राज्यसभा सांसद सुनील शास्त्री द्वारा कवि कोकिल सम्मान से सम्मानित किया गया. इस अवसर पर अंकिता सिन्हा ने वीररस की कविता की प्रस्तुति की-लहू तेरी लहू मेरी लहू से गुप्तगु कर रहा है, और तू सरहदों पर वीरगथाएं लिख रहा है. साथ ही अंकिता ने सृंगार रस की कविता की प्रस्तुति की-अजब किस्सा रही हूं मैं, महफ़िल में रहकर भी तन्हा रही हूं मैं. दोनों ही कविता की दमदार प्रस्तुति की जिससे पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा. अंतराष्ट्रीय सम्मेलन का विषय आधुनिकता के संदर्भ रामकथा व कृष्णकथा का वैश्विक परिप्रेक्ष्य एवम नई शिक्षा नीति और हिन्दी भाषा है.
यह आयोजन नयी दिल्ली के संसद मार्ग स्थित एनएमडीसी सभागार में 28 व 29 फरवरी को आयोजितकिया गया है. इस सम्मेलन में भारत के अलावा अमेरिका, रूस, लंदन, मॉरीशस, नीदरलैंड, पोलैंड, इंडोनेशिया से पधारे 10 विद्वानों को सम्मानित किया गया. अंतराष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन 28 फरवरी को सांस्कृतिक संध्या में शास्त्रीय नृत्य, कवि सम्मेलन व हास्य की प्रस्तुति की गई. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में गोवा के पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा व उदघाटनकर्ता के रूप में पूर्व राज्यसभा सांसद सुनील शास्त्री उपस्थित थे. अतिथियों ने दीप प्रज्वलित के सम्मेलन का उदघाटन किया. विदित हो कि युवा कवयित्री अंकिता सिन्हा की कविताओं को अभी हाल में ही अनुभूति एक एहसास साझा काव्य संकलन पुस्तक में स्थान मिला है, जो बड़ी उपलब्धि है. साथ ही उनकी पहली पुस्तक आकांक्षा का विमोचन 16 जनवरी को किया गया था. अंकिता सिन्हा को मार्च में मुंबई और मई में शिलांग में आयोजित हिन्दी साहित्यिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों में काव्य पाठ के लिए आमंत्रित किया गया है, जहाँ उन्हें काव्य पाठ।में उल्लेखनीय योगदान के लिये सम्मानित किया जायेगा.