चाईबासा : ग्रामीण क्षेत्र के कृषकों व सब्जी विक्रेताओं को पीटने एवं मसूल अदायगी के दौरान डराने-धमकाने के मामले को लेकर आदिवासी ‘हो’ समाज युवा महासभा के सामाजिक कार्यकर्त्ताओं ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा है। युवा महासभा ने पत्र के माध्यम से बताया है कि लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं के अंतर्गत राशन के साथ-साथ सब्जी क्रय-विक्रय हेतु चाईबासा शहर में तकलीफ न हो, इसलिये लॉकडाउन की अवधि तक सब्जी विक्रेताओं को गांधी मैदान एवं एसपीजी मिशन स्कूल मैदान में वैकल्पिक व्यवस्था कर दिया गया है। इसके बावजूद आये दिन ग्रामीण सब्जी विक्रेताओं को मैदान में बैठने नहीं दिया जा रहा है। कुछ दिन पूर्व मासूल उगाही के नाम पर बाजार समिति के लोगों द्वारा ग्रामीणों को मारा-पीटा गया है और वहां नही बैठने की धमकी भी दी गयी है. साथ ही पुलिस द्वारा अपराधी की तरह बर्बतापूर्वक लगातार पीटा जा रहा है। इसको लेकर ग्रामीण सब्जी विक्रेता काफी आक्रोश हैं और सामान्य स्थिति होने के बाद शहरी व्यापारियों को ग्रामीण इलाके के बाजारों में प्रवेश नहीं कराने की तैयारी कर रहे हैं। जिससे दोनों पक्ष में तनाव की स्थिति आ सकती है । अधिकांश किसान प्रतिदिन चूल्हा जलाने के लिये सब्जी एवं जलावन लकड़ी बेचने के बाद कार्य करते हैं और प्रशासन की ओर से जलावन लकड़ी बेचने पर भी रोक लगा दी गई है। इस आशय आदिवासी हो समाज युवा महासभा ने अन्य आवश्यक सेवाओं की तरह उपायुक्त, पश्चिमी सिंहभुम से कृषकों को पहचान व पास प्रमाण पत्र एवं व्यवस्थित जगह देने और संरक्षण प्रदान करने की मांग की है। ज्ञापन देने केन्द्रीय उपाध्यक्ष डॉ बबलू सुन्डी, केन्द्रीय महासचिव इपिल सामड, जिलाध्यक्ष गब्बरसिंह हेम्ब्रम, पूर्वी सिंहभूम जिलाध्यक्ष सुरा बिरूली और हरिश कुंकल पहुंचे थे।
Chaibasa : किसानों व सब्जी विक्रेताओं के पक्ष में उतरा आदिवासी हो समाज, उपायुक्त को ज्ञापन सौंप लॉक डाउन के दौरान पास निर्गत करने की मांग
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