रांची: मानहानि मामले में चाईबासा स्थित एमपी-एमएलए की विशेष अदालत द्वारा कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को सशरीर उपस्थित से छूट नहीं देने के खिलाफ याचिका मामले की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में बुधवार को हुई. मामले में कोर्ट ने राहुल गांधी को राहत प्रदान करते हुए चाईबासा की निचली अदालत में उनके खिलाफ चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने मामले में शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. विदित हो कि इससे पूर्व मामले में हाई कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ चाईबासा की एमपी- एमएलए कोर्ट द्वारा जारी जमानती वारंट पर एक माह के लिए रोक लगा दी है. साथ ही राहुल गांधी को कानून के अनुसार कोर्ट में उपस्थित होने के लिए समुचित कदम उठाने का निर्देश दिया था. (नीचे भी पढ़े)
यह मामला वर्ष 2018 का है. भारतीय जनता पार्टी को लेकर राहुल गांधी द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणी की गयी थी, राहुल गांधी ने वर्ष 2018 में कांग्रेस के एक अधिवेशन में कहा था कि भाजपा में कोई भी हत्यारा अध्यक्ष बन सकता है, लेकिन कांग्रेस में ऐसा नहीं है. जिसे लेकर भाजपा नेता प्रताप कटियार ने चाईबासा कोर्ट में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में शिकायतवाद दायर किया गया था. बाद मे मामले मे चाईबासा में एमपी- एमएलए कोर्ट में इसे ट्रांसफर कर दिया गया था. मामले में अप्रैल 2022 में चाईबासा एमपी- एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ जमानती वांरट जारी किया था. जिस पर उनके द्वारा कोई संज्ञान नही लिया गया. इसके बाद 27 फरवरी 2024 को कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट में आवेदन देकर सशरीर उपस्थित होने से छूट मांगी थी, लेकिन अदालत ने उनके आवेदन को खारिज करते हुए सशरीर उपस्थित होने का आदेश जारी किया था.