रामगोपाल जेना
चक्रधरपुर : जिले की सिविल सर्जन डॉ मंजू दुबे की कार्यशैली से स्थानीय विधायक सुखराम उरांव असंतुष्ट हैं. उनके विधानसभा क्षेत्र में सरकारी चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह गड़बड़ है. इस संबंध में उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कहा है कि चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल में दवा की कमी है. जहां पर उनके वेतन के पैसों से तीन दवा दुकान से दवा मिल रही है, जबकि एंटी रेबिज भी उपलब्ध नहीं रहने के कारण उनके वेतन के पैसों से दर्जनों लोगो को एंटी रेबिज दिया गया है. इसमें सबसे बड़ी समस्या तो यह है कि आज सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था के संचालन में अहम भूमिका निभाने वाले आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को पिछले 5 माह का वेतन भुगतान नहीं हुआ है, जिस कारण इनके समक्ष भुखमरी की स्थिति आ गयी है.
पत्र में विधायक सुखराम उरांव ने कहा है कि प्रकार बंदगांव में क्षेत्र भ्रमण के दौरान देखा गया कि बंदगांव सरकारी अस्पताल में न तो सैनिटाइजर है और न ही हैंड ग्लब्स या मास्क. सभी अपनी जान जोखिम में डालकर लोग कार्य कर रहे है. उनके विधानसभा क्षेत्र में सरकारी चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह गड़बड़ है. पत्र में उन्होने यह भी कहा कि सिविल सर्जन को डीसी व डीडीसी के द्वारा आदेश दिए जाने के बाद भी वे इस दिशा में पहल नही करती हैं. साथ ही चाईबासा के बदले वे जमशेदपुर में अधिक समय देती हैं, लिहाजा यहां की चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. उन्होंने यह भी कहा है कि उनका विस क्षेत्र नक्सल व अति पिछड़ा इलाका है. इसके बावजूद भी लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है.