सरायकेला : दुर्गा पूजा को लेकर लौहनगरी में तैयारियां अंतिम दौर में है. बंगाल के बाद जमशेदपुर का दुर्गा पूजा अपनी अलग पहचान रखती है. सरायकेला और जमशेदपुर जिले का सबसे चर्चित दुर्गा पूजा पंडाल जयराम यूथ स्पोर्टिंग क्लब (पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह का पंडाल) ने इस बार दुर्गा पूजा पंडाल को समाज और प्रकृति के सामने प्लास्टिक के प्रदूषण के द्वारा हो रही दुनिया की मुश्किलों को दर्शा रहा है. जहां प्लास्टिक को एक बहुत बड़ी राक्षसी का रूप देकर उसकी पकड़ में समाते हुए पूरी दुनिया को दर्शा रहे हैं. वहीं पंडाल के अंदर की सजावट बेकार प्लास्टिकों का सही उपयोग करके सुंदरता को चार चांद लगा कर दर्शाया जा रहा है. वही कमेटी के संरक्षक ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद कुमार सिंह उर्फ मलखान सिंह ने बताया कि दुर्गा पूजा में भीड़ को ध्यान रखते हुए कमेटी और प्रशासन द्वारा मिलकर पार्किंग एवं दर्शकों के लिए उचित व्यवस्था कराई जा रही है. यहां आदित्यपुर के खरकाई पुल से लेकर पंडाल के आसपास सभी जगह सीसीटीवी कैमरे लगे रहेंगे और महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग लाईन की व्यवस्था की जाएगी. वहीं पूर्व विधायक श्री सिंह ने बताया कि इस पंडाल को बनाने में सिर्फ बेकार हो चुकी प्लास्टिक का उपयोग किया जा रहा है और पूरे के पूरे पंडाल की ऊंचाई करीब 500 फुट की है. उन्होंने बताया कि कमेटी का उद्देश्य लोगों तक यह सूचना पहुंचाना है कि प्लास्टिक के इस्तेमाल से प्रकृति को कितना नुकसान हो रहा है एवं अब पूजा के दौरान से ही प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद कर दे. विगत 3 महीने से कोलकाता से आए कारीगरो द्वारा पंडाल निर्माण किया जा रहा है. जहा पंडाल के भीतर और बाहर अग्निशामक से लेकर चप्पे-चप्पे की निगरानी सीसीटीवी कैमरा के द्वारा किया जा रहा है. वैसे बारिश के कारण थोड़ी अड़चनें आ रहीं हैं, लेकिन आयोजकों ने दावा किया है कि तय समय पर पंडाल निर्माण पूरा कर लिया जाएगा.
इधर सरायकेला जिले के आदित्यपुर के बहुचर्चित दुर्गा पूजा पंडाल अब भक्तों के दर्शन के लिए लगभग तैयार है. हालांकि मौसम का साथ नहीं देने के कारण काम करने वाले मजदूर थोड़ी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं, लेकिन पूजा के जोश से वे भी अछूते नहीं हैं और समय रहते काम समाप्त करने के लिए लगे हुए हैं. जिले के एस टाईप में साल 1972 से लगातार सिंहभूम बॉयज क्रिकेट क्लब अपनी पंडाल की झांकी के लिए पूरे जिले में प्रसिद्ध है. जहां चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी द्वारा निगरानी की व्यवस्था की गई है. पंडाल को बनाने में करीब 25 लाख रुपए की लागत आई है. जहां सिंहभूम बॉयस क्रिकेट क्लब एस टाइप कॉलोनी आदित्यपुर बिना खर्च किए भक्तों को झारखंड के आदित्यपुर से ही दक्षिण भारत में स्थित वेल्लोर के स्वर्ण मंदिर का दर्शन करवा रहा है और बिल्कुल सुनहरे रंग में रंगता नजर आ रहा है. पंडाल को बनाने एवं रंगाई पुताई और साज-सज्जा करने के लिए बंगाल के आसनसोल से आए करीब 300 कारीगरों के साथ पूरे पंडाल को दक्षिण भारत के स्वर्ण मंदिर का रूप देने की तैयारी की जा रही है. जहां पंडाल निर्माण में कहीं भी कपड़े का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है पूरा पंडाल फाइबर और प्लाई द्वारा बनाया जा रहा है. जिसके चलते पंडाल काफी चर्चा में है. वहीं पंडाल के भीतर और बाहर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी करने की तैयारी की जा रही है जिसके लिए वॉलिंटियर्स 24 घंटे तैनात रहेंगे.