नयी दिल्ली: भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी (84 वर्ष) का सोमवार को निधन हो गया. उनका इलाज नयी दिल्ली के आर्मी अस्पताल में चल रहा था. उनका 10 अगस्त को ब्रेन का आपरेशन किया गया था. जिसके बाद वे कोरोना पॉजिटेव पाए गए. धीरे धीरे उनकी स्थिति में सुधार हो रहा था इसी बीच उनके फेफडे में संक्रमण हो गया. जिसके बाद उनकी स्थिति में धीरे धीरे गिरावट आती चली गयी और वे कोमा में चले गए थे. इसके बाद प्रणव दादा की स्थिति दिन प्रति दिन बिगड़ती ही चली गयी. सोमवार को करीब शाम को पांच बजे के आस पास उन्होंने अंतिम सांस ली. उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. प्रणव मुखर्जी भारत देश के 13वें राष्ट्रपति के रुप में 2012 से 2017 से बने रहे. पूर्व राष्ट्रपति के निधन की खबर मिलने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुख जताया.
झारखंड में शोक की लहर
झारखंड में शोक की लहर दौड़ गयी है. झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने शोक जताया है. इसे अपूर्णीय क्षति बताया है. वहीं राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने ट्विट में कहा है कि भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का निधन सम्पूर्ण राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है. उनका पूरा जीवन राष्ट्र की सेवा को समर्पित था. भगवान उनकी आत्मा को शांति दें. दुःख की इस घडी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों के प्रति है. इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि प्रणव दा हर किसी से स्नेह रखते थे. मेरे प्रति उनका स्नेह अविस्मरणीय है. वह हमेशा कहते थे की सत्ता मिलने पर गरीब और जरूरतमंद की सेवा ही उसका एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए. उनका यूं चले जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है, लेकिन उनकी सीख हमेशा मेरे साथ रहेगी. दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने शोक जताया है. देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के निधन की खबर सुनकर मर्माहत हूं. उनके निधन से देश ने एक महान नेता,विचारक और एक स्टेट्समैन खो दिया. उनका सारा जीवन देश की सेवा के लिए समर्पित था. भगवान उन्हें अपने चरणों में स्थान दें. उनके परिजनों के प्रति मेरी संवेदना।ॐ शांति. इसी तरह राज्य के पूर्व मंत्री और विधायक सरयू राय ने भी शोक जताया है और बताया है कि यह उनके लिए निजी तौर पर क्षति है. एक स्टेटसमैन को देश ने खो दिया.
28 दिसंबर 2014 को आना था राष्ट्रपति के तौर पर प्रणव दा को
जमशेदपुर में बतौर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी 28 दिसंबर 2014 को जमशेदपुर आने वाले थे. राष्ट्रपति के तौर पर उनका मिनट टू मिनट कार्यक्रम भी आ गया था. करीब दो घंटे तक वे रहने वाले थे. वे एक्सएलआरआइ स्थित टाटा ऑडिटोरियम में आयोजित होने वाले निखिल भारत बंग साहित्य सम्मेलन के 87 वें वार्षिक अधिवेशन में भाग लेने वाले थे. वे साकची रवींद्र भवन में लगाये गये कवि गुरु रवींद्र नाथ टैगोर की प्रतिमा का अनावरण करने वाले थे, लेकिन अंतिम समय में उनका कार्यक्रम रद्द हो गया था.