जमशेदपुर : झारखंड की आदिम जनजाति सबर प्रजाति के संरक्षण को लेकर भले सरकारें दावा करती रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जहां आज भी सबर जनजाति को सरकारी उपेक्षा का दंश झेलना पड़ रहा है. जमशेदपुर के जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र के पटमदा प्रखंड के समीप रानी झरना में दस सबर परिवार रहते हैं. मूलभूत सुविधाओं के लिए आज भी ये सबर परिवार बेहाल हैं. जिनकी स्थिति बदतर है. जर्जर हो चुके बिरसा आवास के छत के नीचे ये सबर परिवार रात बिताने के लिए मजबूर हैं. चार दिन पूर्व इन्हीं में से एक भीम सबर के घर का छत टूट कर जमींदोज हो गया. वैसे ऊपर वाले का लाख-लाख शुक्र है, कि घटना के वक्त घर पर कोई मौजूद नहीं था. इधर मंगलवार को भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल जिला मुख्यालय पहुंचा और जिले के उपायुक्त को ज्ञापन सौंप तत्काल भीम सबर के पुनर्वास की मांग की. जानकारी देते हुए मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष विमल बैठा ने बताया, कि भीषण ठंड के बीच भीम सबर और उसका परिवार जीवन जीने को मजबूर है. उन्होंने जिले के उपायुक्त से अविलंब भीम सबर को आवास मुहैया कराए जाने की मांग की. साथ ही चेतावनी दिया कि अगर जल्द ही भीम सबर का मकान नहीं बनाया जाता है, तो भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा आंदोलन को बाध्य हो जाएगी.
Jamshedpur : सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहे सब जनजाति के लोग, प्रभावित सबर के पुनर्वास के लिए डीसी से मिला भाजपा अजा मोर्चा
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