जमशेदपुर : जमशेदपुर में एक मां ने अपने करतूत से ममता को कलंकित कर दिया है. जहां अपने पति से नाराजगी पर बागबेड़ा थाना क्षेत्र की रहने वाली कलयुगी मां ने अपने 3 वर्षीय बेटे को पहले खरकई नदी के पुल से नीचे फेंक दिया, दूसरे बच्चे को फेंकने ही वाली थी कि स्थानीय लोगों ने महिला को पकड़ लिया. इसी बीच मौका देख महिला ने भी नदी में छलांग लगा दी. उधर नदी में मछली पकड़ रहे मछुआरों ने महिला को तो बचा लिया लेकिन बच्चे को नहीं बचा सका. वहीं टाटा स्टील के एकमात्र गोताखोर द्वारा करीब 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बेल्डीह बस्ती के समीप से बच्चे का शव बरामद किया. उधर महिला को मेडिका अस्पताल से स्थिति की गंभीरता को देखते हुए टाटा अस्पताल रेफर कर दिया गया है. इधर महिला के परिववालों ने इसके लिए महिला के पति सूरज उर्फ संतोष कुमार साहू को जिम्मेवार ठहराया जिसके बाद आदित्यपुर थाना पुलिस ने महिला के पति को कस्टडी में ले लिया है. सवाल ये नहीं की महिला के पति के साथ महिला का क्या विवाद हुआ.
सवाल यह है कि आखिर एक मां की ममता इतनी निष्ठुर कैसे हो गई ! जिस बच्चे के लिए मां अपनी जान हथेली पर लिए फिरती है, उस बच्चे के लिए एक मां का कलेजा इतना निष्ठुर कैसे हो गया ? फिलहाल ये तो जांच का विषय है. उधर पुलिस कस्टडी में जैसे ही अपने बच्चे का शव मिलने की सूचना पिता को लगी वह थाने में ही दहाड़ मार कर रोने लगा. बच्चे के पिता यानि सूरज उर्फ संतोष कुमार साहू अपने बच्चे की एक झलक देखने को व्याकुल हो गया, लेकिन पुलिसवालों ने वैधानिक कारणों से उसे अपने बच्चे के शव को देखने नहीं दिया. बच्चे के पिता ने बताया कि शादी के बाद से ही उसकी पत्नी अक्सर उलूल- जलूल हरकतें किया करती थी. शादी के 15 दिन बाद ही रेलवे ट्रैक पर जाकर आत्मदाह करने का प्रयास किया था जिसे स्थानीय लोगों ने बचाया था. उसने बताया कि अपनी पत्नी की बात मानकर वह अपने माता-पिता से अलग रह रहा था. छोटी-छोटी बातों पर उखड़ना उसकी नियति बन गई थी. कल भी मायके में विवाद कर लौटी थी, आज सुबह जब वह दुकान चला गया तब उसकी पत्नी ने इस घटना को अंजाम दिया. उसने बताया कि उसका स्टेशन में मोटर पार्ट्स का गैराज और दुकान दोनों है और वह खुद एक मिस्त्री भी है. उसने बताया कि उसे जैसे ही सूचना मिली वह घटनास्थल पर पहुंचा और अपनी पत्नी और बड़े बेटे को पहले मेडिका अस्पताल पहुंचाया. जहां से टीएमएच रेफर कर दिया गया है.