जमशेदपुर : जमशेदपुर आर्टिस्ट एसोसिएशन ऑफ झारखंड के तरफ से जमशेदपुर उपायुक्त के पास एक्टिविटी क्लास जैसे डांस, गायन, वादन, योगा इत्यादि क्लास खोलने के हेतु ज्ञापन दिया गया. कोरोना जैसी महामारी की वजह से पूरे कोल्हान शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र के सभी कलाकार भुखमरी के कगार पर आ गए हैं. सभी कला संस्कृति से जुड़े लोग कर्ज में डूब चुके हैं, डांस म्यूजिक वाद्ययंत्र इत्यादि की ट्रेनिंग देने वाली सारे संस्था बंद रहने के कारण या इससे जुड़े लाखो टीचर बेरोजगारी का शिकार हो गए हैं, जिसका सुध लेने वाला कोई नहीं. भारी भरकम भाड़ा देने वाले कई संस्थान बंद हो गए हैं और बहुत सारे बंद होने के कगार पर है सभी को अपने परिवार के जीविका चलाने के लिए डिप्रेशन जैसी समस्या से जुड़ना पढ़ रहा है. इस सारी समस्याओं के निदान के लिए डांस, गायन, वादन, योगा इत्यादि ट्रेनिंग संस्थान को खोलने की अनुमति दी जाए, जिसमें सभी का जीवन धीरे धीरे सामान्य अवस्था में लौट सके. सभी संस्थाओं सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कोरोना महामारी को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए क्लासरूम को सैनिटाइजर करते हुए क्लास करेंगे यह हम लोग प्रशासन को आश्वासन देते हैं. सम्मिलित सदस्य के निशान, सुमंत चौबे, अवनीश पांडे, राज, कंचन नाग, अजीत, राजा, अनिल सागर, अरब सागर, वशिष्ठ नारायण, मिथुन, अमर मंडल, गौतम मुखी, सुजीत, चंद्रकांत नंद, सुपर बबलू, रवि, लक्ष्मी आदि उपस्थित थे.
जिम संचालकों ने भी मांगी जिम चलाने की इजाजत
जमशेदपुर के जिम संचालकों ने भी डीसी जमशेदपुर से मुलाकात की. इन लोगों ने भी जिम को चालू कराने की मांग की. इन लोगों का कहना है कि सारे जिम बंद है. वैसे जहां सबसे ज्यादा कोरोना पोजिटिव के केस आये है, वहां का जिम खुल चुका है. जिम को भी सोशल डिस्टेंसिंग के जरिये संचालित किया जा सकता है जबकि जिम में सफाई का भी व्यवस्था और सैनिटाइजेशन की व्यवस्था किया जा सकता है. जिम नहीं चलने के कारण कई सारे ट्रेनरों के समक्ष मुश्किलें उत्पन्न हो गयी है जबकि लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिम संचालक परेशान है कि आखिर उनकी दाल रोटी कैसे चलेगी.
सैलून, नाई दुकानों के लोगों ने निकाला शांति मार्च
सैलून, नाई दुकान और पार्लर के मालिकों ने मिलकर शांति मार्च निकाला. इन लोगों ने शांति मार्च निकालकर विरोध दर्ज कराया और मांग की कि तत्काल उनकी भी दुकानों को खोलने की इजाजत दी जाये. उन लोगों को दुकानें संचालित करने नहीं दी जायेगी तो भूखमरी की स्थिति हो जायेगी. उनको चलाने की इजाजत दी जायेगी. जो गाइडलाइन का अनुपालन कराने को सरकार कहेगी, वह अनुपालन कराया जायेगा.