गालूडीह: गालूडीह स्थित रंकिणी मंदिर परिसर में गुरुवार को नवमी पूजा के साथ कन्या पूजा का आयोजन किया गया. पूजा को देखने के लिए और आशीर्वाद लेने के लिए बंगाली समाज के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. कन्या पूजा हर साल की तरह परंपरागत रूप से मनाया गया. कन्या पूजा के लिए सुबह से ही मंदिर परिसर में महिलाओं की भीड़ लगी हुई थी.(नीचे भी पढे)
सभी लोगों ने दोनों कन्या को माता मान कर पूजा अर्चना की. इस साल ब्राह्मण परिवार के मनीषा चटर्जी को माता का रूप मानकर पूजा अर्चना की गई. पुजारी ने बताया कि दो वर्ष से लेकर दस वर्ष तक की कन्याएं साक्षात माता का स्वरूप मानी गई.(नीचे भी पढे)
यही कारण है कि नवरात्र में इसी उम्र की कन्याओं के पैरों का विधिवत पूजन कर भोजन कराया जाता है. मान्यता है कि होम, जप और दान से देवी उतनी प्रसन्न नहीं होतीं, जितनी कन्या पूजन से होती है. कहा जाता है कि विधिवत, सम्मानपूर्वक कन्या पूजन से व्यक्ति के मन से भय दूर हो जाता है. बाधाएं भी दूर हो जाती हैं. वहीं भंडारे में उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं ने खिचड़ी, चटनी, खीर आदि महाप्रसाद के रूप में ग्रहण किया.