जमशेदपुर : कोरोना के संक्रमण को रोकने को लेकर पीएम मोदी के आह्वान पर देश 21 दिनों के लॉक डाउन पर है. झारखंड में भी इसे सख्ती से पालन होने का दावा किया जा रहा है. लेकिन जमशेदपुर के लोगों पर इसका खौफ नहीं देखा जा रहा है. जहां लॉक डाउन के 15 वें का नजारा देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं, कि आखिर यहां के लोगों को क्यों नहीं है, इस वैश्विक महामारी के खतरे का आभास. जहां बात- बात पर लोग घरों से बाहर निकल पड़ते हैं, और सोशल डिस्टेंसिग तो दूर की बात है, एक जगह एकत्रित होकर मानो इस महामारी को खुला निमंत्रण देने का काम कर रहे हैं.
इन तस्वीरों में आप साफ देख सकते हैं, कि कैसे लोग सड़कों पर खुलेआम निकल ही नहीं रहे, बल्कि सारे नियम कानून को ताक पर रखते हुए भीड़ भी जुटा रहे हैं. पहली तस्वीर आप देख सकते हैं, जमशेदपुर अक्षेस की जहां किसी शरारती तत्वों ने अफवाह उड़ा दी कि यहां आज जरूरतमंदों को राशन मुफ्त बांटा जाएगा, फिर क्या था लोग सारे कायदे कानून को ताक पर ऱखते हुए अक्षेस कार्यालय में जुटने लगे, जबकि ऐसी कोई बात नहीं थी. वहीं दूसरी तस्वीर आप देख सकते हैं, साकची स्थित पंजाब नेशनल बैंक की.
जहां जनधन योजना का पैसा खाते में आया या नहीं उसकी जांच कराने के नाम पर लोग जुट रहे हैं. वैसे खाता जांच कराने के बाद लोग पीएम मोदी को पांच सै रूपए भेजने के लिए धन्यवाद देते नजर आए, लेकिन वे इसे समझने को तैयार नहीं दिखे, कि आखिर खाता जांच कराने के लिए जान जोखिम में डालना कहां की बहादुरी है, वो भी महज पांच सौ रूपए के लिए. ऐसे में आप समझ सकते हैं, लोगों की थोड़ी सी नासमझी और लापरवाही का खामियाजा किसको भुगतना पड़ सकता है, जबकि झारखंड में कोरोना का तीसरा स्टेज शुरू हो चुका है.
जहां लगातार पूरा सिस्टम इसके संक्रमण को रोकने को लेकर हकलान है. जबकि सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन और स्वयंसेवी संगठनों द्वारा जिले के शहरी और ग्रामीण ईलाकों में लगातार अनाजों के साथ जरूरी सामानों का वितरण किया जा रहा. वैसे पुलिस को सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में करने के प्रयास में जुटी रही.