जमशेदपुर : जमशेदपुर स्थित बागबेड़ा में पानी की एक एक बूंद के लिए लोग तरस रहे हैं. जैसे जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है, पानी की समस्या और गहराती जा रही है. लोग सुबह से लेकर शाम तक पानी के लिए लंबी लंबी लाईनों में खड़े दिखते है. बागबेड़ा सीपीटोला, प्रधानटोला बस्ती में लगभग 25 से ज्यादा चापानल है, पर उनमें से किसी में भी पानी नहीं आता है. सारे चापानल या तो खराब है या फिर भूगर्भ- जलस्तर नीचे चले जाने के कारण उनमें पानी आना बंद हो गया है. (नीचे भी पढ़ें)
एक सड़क पर तीन चार चापानल है. हर दो चार घरों के बाद आपको खराब पड़े चापानल देखने को मिलेंगे. पंचायत स्तर पर इन चापानलों को लगवाया गया था. इनके बोरिंग की बात करे तो 180 से 220 फीट के बीच बोरिंग की गई है. गर्मी के दिनों में इनमें पानी नहीं आता. साल के कुछ महीनें खासकर बरसात के दिनों में इन चापानलों में पानी आता है. कुछ स्थानीय लोगों ने पानी की समस्या पर कहा कि मोहल्ले की हर गल्ली में तीन चार बोरिंग करने से बेहतर तो यह होता कि एक ही बोरिंग करवाया जाता और उसमें जलमीनार बनावकर हमारी प्यास बुझाई जाती. (नीचे भी पढ़ें)
इस तरह से नलकूप लगा कर सरकार के द्वारा जारी पैसे का इस्तेमाल सही तरीके से नहीं हो पाया. बागबेड़ा जलापूर्ति योजना में देरी से लोगों के बीच घोर निराशा है. स्थानीय महिलाओं का जीवन और कठिन है. खाना बनाने से लेकर दैनिक कार्यों के लिए भी रोज पानी के लिए परेशानी उठानी पड़ती हैं. महिलाओं ने बताया कि देर रात तक पानी के लिए जागती है, इसके बाद सुबह जल्दी उठकर अपने घरेलू काम करती है. लोगों में इस बात को लेकर भी चिंता है कि अगर बरसात जल्दी नहीं आई तो हालात कैसे होंगे. नदी का जलस्तर भी लगातार कम हो रहा है, अगर बारिस में कमी हुई तो वे लोग पानी के बिना ही जीने को मजबूर हो जाएंगे.