रांची : झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का समापन हो गया. हो हंगामा के बीच इसका समापन हो गया. अंतिम दिन कोरोना पर विस्तार से चर्चा की गयी जबकि कई विधेयक पारित किया गया. इसके तहत झारखंड खनिज धारित भूमि पर (कोविड-19 महामारी) सेस लगाने वाले उपकर विधेयक 2020 को पारित कर दिया गया. इसके अलावा झारखंड राज्य सेवा देने का गारंटी (संधोधन) विधेयक 2020 को पारित किया गया. इसके अलावा दंड प्रक्रिया संहिता (संशोधन) 2020 को पारित कर दिया, जिसके तहत फरार होने के बावजूद केस की सुनवाई होती रहेगी, जिसके बाद फरार अभियुक्त अगर पकड़ा जाता है तो फिर से अकेले उसके मामले की सुनवाई होगी. इसके अलावा झारखंड राज्य भौतिक चिकित्सा (फिजियोथेरेपी) परिषद विधेयक 2020 को पारित किया गया जबकि झारखंड मूल्यवर्धित कर कानून (संशोधन) विधेयक 2020 को पारित कर दिया गया. इसके अलावा झारखंड राज्य मोटर वाहन करारोपण (संशोधन) को भी मंजूरी दे दी गयी. पूरी सुनवाई होने के बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.
इस दौरान कोरोना को लेकर अंतिम दिन काफी चर्चा की गयी. लोगों ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को घेरा जबकि पूरे सरकार को भाजपा और आजसू ने मिलकर कोरोना के संक्रमण को रोकने और व्यवस्था को दुरुस्त करने में विफल करार दिया. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने सदन को आश्वस्त किया कि कोरोना का संक्रमण को रोकने के लिए वे लोग तत्पर है और आने वाले दिनों में और तत्परता ससे काम करेंगे, सबका सहयोग अपेक्षित है.
सत्तारुढ़ दल झामुमो, कांग्रेस, राजद के विधायकों ने किया प्रदर्शन, महगामा विधायक दीपिका ट्रैक्टर से विधानसभा पहुंची
झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे और अंतिम दिन सदन में सत्तारुढ़ दल झामुमो, कांग्रेस और राजद के विधायकों ने विधानसभा भवन के बाहर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. कांग्रेस की महगामा की विधायक दीपिका सिंह ने किसान विरोधी बिल बताते हुए ट्रैक्टर से झारखंड विधानसभा पहुंची और केंद्र सरकार का जोरदार विरोध किया. इस दौरान सारे विधायकों और मंत्रियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान सीता सोरेन ने भी मुद्दा उठाया.
निजी स्कूलों के खिलाफ भाजपा विधायक ने मुद्दा उठाया, भाजपा विधायकों ने सदन के बाहर और अंदर घेरा
भाजपा के बोकारो से विधायक विरंची नारायण ने सदन में निजी स्कूलों की मनमानी का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया और ऑनलाइन क्लास के नाम पर हो रही मनमानी और स्कूलों में टीचरों के पैसे तक नहीं देने का मुद्दा उठाया. इस दौरान सदन के भीतर प्रश्नकाल के दौरान कार्यवाही को भाजपा विधायकों ने बाधित किया और सदन के अंदर और बाहर नियोजन नीति समेत अन्य मुद्दे को लेकर राज्य सरकार को घेरा.
इस हंगामा के दौरान भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री रणधीर सिंह के खिलाफ स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने एक्शन लिया और उनको बाहर कराने का आदेश दिया, जिसके बाद उनको बाहर का रास्ता दिखाया गया. भाजपा विधायकों के हंगामा के कारण सदन को स्थगित कर दिया गया. बाद में भोजनावकाश के बाद सारे विधेयकों को पारित करा दिया गया.